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Showing posts from January, 2013

ऐसे में अब संघ किस बुनियाद पर कहेगा के मैं ही असल देश भग्त हूँ ?

संघ के नेता अब और जेयदा दिन तक हमारे मुल्क के लोगों को बुरबक और बेवकूफ बनाकर अपनी उल्लू सीधा नहीं कर सकते ,क्योंके केंद्रीय गृहमंत्री के बाद केंद्रीय गृहसचिव ने संघ के दस लोगों के आतंकी कार्यों में संलिप्ता के प्रमाणों के साथ पुष्टि ने देश के जाली वफादारों की कलई खोलकर देश के सामने नंगा कर दिया  अब ऐसे में अब संघ किस बुनियाद पर कहेगा के मैं ही असल देश भग्त हूँ ? अब देखिये  दैनिक हिन्दुस्तान दिनांक 23/01/2013 की विशेष संवादाता की रिपोर्ट से रूबरू कराता हूँ  (नई दिल्ली )   केंद्रीय गृहमंत्री  सुशील कुमार सिंधे की बयान से भले ही कांग्रेस पल्ला झाड़  लिया हो लेकिन उसे गृह सचिव  श्री आर के सिंह का समर्थन मील गया है /          सिंह ने मंगलवार को कहा के आतंकवादी वारदातों में आर एस एस के दस नेताओं के खेलाफ पुख्ता सबूत और गवाह हैं . यहाँ संवाददाताओं से बात चीत में सिंह ने कहा के समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट,मक्का मस्जिद विस्फोट एवं दरगाह शरीफ विस्फोट  की घटनाओं में आर एस एस से जुड़े लोग थे .इनमें जेयादातर गिरफ्तार हो चुके हैं ,गृहमंत्री शुशील कुमार शिंदे के ब्यान पर भाजपा -आर एस एस  ने उनके ख
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                                Published in 21 Jan-2013 | Print Edition of Roznama Sahara

मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार का सुशासन एक बार फिर कटघेरे में खरा होता मालुम दिखाई पर रहा,वजह बना है, इस बार बिहार का education department ,बतायाजाताहै के पूर्बी चंपारणके फेन्हारा पर्खंड के श्री सुनील कुमार पासवान जो एक गरीब और अनुसूचित जाती से सम्बन्ध रखते हैं,इनसे सरकार ने 6 सालो से भी जेयदा समय तक पंचायत शिक्चक (shikchak ) के रूप में काम कराया जब बात वेतन भुगतान की आई तो उन्हें अवैध करार दिया जा रहा श्री सुनील कुमार उपरोक्त जिला एवं पर्खंड के बारा परसौनी में 2003 से ही लगातार काम करते आ रहे,इनके वेतन पे रोक साल 2006 में लगा दी गई ये कहते हु के इनका तीसरा पुनर्नियोजन नहीं हुआ इसलिए इनकी बहाली अवैध है

मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार का सुशासन एक बार फिर कटघेरे में खरा होता मालुम दिखाई पर रहा,वजह बना    है,    इस     बार बिहार का education department ,बतायाजाताहै के पूर्बी चंपारणके फेन्हारा पर्खंड के श्री सुनील कुमार पासवान जो एक  गरीब और अनुसूचित जाती से सम्बन्ध रखते हैं,इनसे सरकार ने 6   सालो से भी जेयदा समय तक पंचायत शिक्चक   (shikchak )   के रूप में काम कराया  जब बात वेतन  भुगतान  की आई     तो       उन्हें अवैध करार दिया जा रहा श्री सुनील कुमार उपरोक्त जिला एवं पर्खंड के बारा परसौनी में 2003 से ही लगातार काम करते आ रहे,इनके वेतन पे रोक साल 2006 में  लगा दी      गई ये   कहते हु के  इनका तीसरा पुनर्नियोजन नहीं हुआ इसलिए इनकी बहाली अवैध है  यहाँ बताते चले के जो भी शिक्चक (shikchak )para teacher  के रूप में कार्ज कर रहे थे सरकार ने अपने एक आदेश  के जरिये उन्हें पंचायत shikchak मान चुकी ऐसी हालत में श्री सुनील कुमार पासवान और बाकी पंचायत shikchak      अवैध किस कानून के तेहत हुए?एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारीयों को इसबात का जवाब देना होगा अगर कोई कहे के इन सभी को बहुत पहले ही हटा दि
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                                Published in 15 Jan-2013 | Print Edition of Roznama Sahara

सूत्रों के अनुसार अगर पुलिस गहराई से पूछ ताछ करे तो चकिया के आस पास सरकारी स्कूलों में में पिछले 7 से आठ साल में हुए तमाम मिड डे मिल की चोरी की घटनाओं पर से प्रदा उठ जाएगा,मगर ऊँची पहुँच रखने वालों पे क्या पुलिस हाथ डाल पाए गी ,ये सबसे बड़ा सवाल है ,एक RTI के आवेदन पे दिए गए जानकारी के अनुसार 10 सालों में सिर्फ मिड डे मिल की सैकरों चोरी की घटनाएं हुईं पूर्बी चंपारण में ,गिरफ्तारी सिर्फ 2 मामलों में ,इससे अंदाजा लगाया जा सकता है के इस मामले में क्या होगा?

 सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चकिया पुलिस(पूर्बी चंपारण)  ने जिन शातिरों,जो सकारी अनाज अवैध ढंग से खरीद बिक्री करते थे ,गरीबों के बच्चों के मिड डे मिल,अन्त्योदय ,बी पी एल धारकों के अनाजों को सरकारी अधिकारियों की मिली भगत से अंजाम देते थे ,जब मामले को www .biharbroadcasting .com ने खुलासा किया तो छोड़ दिए गए लोगों को पुनः गिरफ्तार कर लिए जाने की सूचना है ,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने चकिया थाना के मनीछपरा  पंचायात के वार्ड नंबर एक के एक प्रभावसाली  वैक्ति को दिनांक 15.01/2013 को गिरफ्तार किया ,बाद में पता नहीं क्या हुआ उसे छोड़ दिया ,इससे इलाके के लोगों में हैरत होने लगी लोग सोचने लगे की जिस आदमी के घर से जिस पुलिस ने सैकड़ों तन अनाज बरामद करती है ,और ऐसे लोगों को छोड़ देती  है .तब मैंने 17.1.2013 को सोशल मीडिया पे खबर अपडेट की गई ,उसके बाद आरोपी पुनः पकर लिए गए।यहाँ बताते चले कि जब 16.01.2013 को जब थाना प्रभारी बारा चकिया से बात करने के तीन बार कोशिश की और आरोपियों के सम्बन्ध में जानने की कोशिश की ,बार बार ,दो दो घंटे का मोहलत लेते रहे,तब मुझे दाल में कुछ काला नजर आ

शातिरों को बचाने की शाजिश ?

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Md Kausar Nadeem Thursday  via  Mobile SUTRO KE ANUSAR,CHAKIA POLICE(MOTIHARI)NE MANICHAPRA VILL. ME DT.15.1.13 KO CHAPEMARI KR SAIKRO TAN SARKARI CHAWAL JIS AADMI KE YAHAN SE BARAMAD KI THI,SARKARI ADHIKARIYO AUR LAMBI SEYASI PAHUCH RAKHNE WALE SAFEDPOSHO KI SANLIPTA KE KARAN MAMLE KI LIPA POTI KE PARYASH TEZ HO GAYE HAIN.SUTRO KE ANUSAR JISWAIKTI K YHAN SE SARKARI CHAWAL BARAMAD KI GAI HAI US GAO K SCHOOL ME KAI BAR CHORO NE MDM KE ANAJO PR HATH SAF KARNE KI GHATNA BHI HO CHUKI HAI JISKI FIR CHAKIA THANA ME DARJ BATAI JATI HAI.POLICE KI SITHIL RAWAIYA K KARAN MAMLE KA KHULASA ABTK NA HO SAKA HAI.AB UMID JAGI THI PR PANI FIRTA DIKH RAHA HAI Like  ·   ·  Promote Hussain Mohammed Shahid  and  Ravishankar Ratnakar  like this.

पंथनिरपेक्षता का धुंधला पथ

                                                                 कुलदीप नैयर                                                       पंथनिरपेक्षता का धुंधला पथ मुसलामानों के संदर्भ में भाजपा ने इस बार कम आक्रामक रुख अख्तेयार किया है .इसके दो कारण हो सकते हैं ,पहला तो यह के 2014 में होने वाले संसदीय चुनाव के बाद की स्थिति पर पार्टी की नजरें टिकीं हैं ....लोकसभा में बहुमत के  लिए उसे पंथनिरपेक्ष पार्टियों के साथ की जरुरत पड़ेगी ...ऐसे में मुसलामानों के खेलाफ कोई भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया पार्टी के लिए महंगी साबित हो सकती है और समर्थ  गठबंधन प्रस्तुत करने के मौके को खतरे में डाल सकती है .दूसरा कारण यह हो सकता है आज जब वामपंथी पार्टियां भी उदार हिंदुत्व अपनाने लगी है ,ऐसे में भाजपा उदार दिखने का साहस कर सकती है .पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस लगातार पंथनिरपेक्ष पहचान खोती जा रही है .अगर किसी प्रमाण की जरुरत है तो गुजरात का ताज़ा विधानसभा चुनाव इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है .2002 में हुए गुजरात दंगों को चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने मुद्दा नहीं बनाया .कांग्रेस ने ऐसा माना के चुनाव प्रचार के दौ

चोरी के सैकड़ों क्विंटल अनाज के खरीदार को पुलिस ने पकड़ा,पुलिस अगर गहराई से पूछ ताछ करेगी तो कई सफ़ेदपोश चेहरे के बेनकाब होने की संभावना जताई जारही,मगर स्थानिये पुलिस ऐसा करने के लिए तैयार है?

बारा चकिया (पूर्बी चंपारण ,बिहार)चकिया पुलिस ने दिनांक 15 .1.2013 को थाना के तेहत आने वाले मनीछपरा पंचायत के वार्ड नंबर निवासी एक वैक्ति को गिरफ्तार  सरकारी चावल खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया,सूत्रों के अनुसार पुलिस ने सैकरों क्विंटल सरकारी अनाज बरामद की,आरोपी के ऊँची पहुँच और कई सफ़ेदपोश से संबंध रहने के कारण स्थानिये पुलिस पुरे मामले को दबाने की कोशिश में लगी है ,सूत्रों के अनुसार आरोपी प्रशाशन की मिलीभगत से सालों से बी पी एल , अन्तयोदय और मिड डे मील के अनाजों को सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से खरीदने का काम करता था ,लोगों का कहना है के  पुलिस अगर कड़ाई से पूछ -ताछ  करे तो सरकारी स्कूलों में होने वाले मीड डे मील चोरी की घटनाओं का प्रदाफ़ाश हो सकता है,पर सूत्रों की माने तो बारा चकिया पुलिस मामले को गंभीरता से लेने के मूड में नहीं,सूत्रों के अनुसार आरोपी वैक्ति के पंचायत में पिछले 10 सालों में मीड डे मील के अनाजों की कई चोरी की घटनाएं घटीं ,पर पुलिस ने गहनता से जांच करने की बजाये मामले को सूत्रहीन जान बुझकर करार देकर मामले की लीपा पोती करदी,वर्ना सूत्रों के अनुसार आरोपी बहूत पहले
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                                Published in 15 Jan-2013 | Print Edition of Roznama Sahara
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                                Published in 15 Jan-2013 | Print Edition of Roznama Sahara

दलित के साथ जुल्म और नाइंसाफी की इससे बड़ी और क्या मिशाल हो सकती है ?

         दलित जुल्म की एक मिशाल आपके सामने पेश है ,जो अंग्रेजों के जरिये ढाए गए जुल्म को भी फीका करदे मामला बिहार के पूर्बी चंपारण से ज़ुरा हुआ है         उपरोक्त जिला के फेन्हरा ब्लॉक के बारा परसौनी पंचायत के एक ऊँची जाति के एक मुखिया ने अपने बेटे और भतीजी को बहाल कराने के लिए पहले एक दलित जाति के एक पंचायत शिक्षक श्री सुनील कुमार पासवान को एक साजिश के तहत शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से मिलकर हटा दिया,वह भी इस प्रकार से के सुनील कुमार काम भी 6 सालों से उपर से काम भी करते रहे पर वेतन न मिला ,मगर बैक डोर से बहाल उची जाति के मुखिया के जरिये बहाल रिश्तेदारों के वेतन भुगतान में किसी प्रकार की रुकावट न आई ,मगर श्री सुनील कुमार चुके दलित जाति से संबंध था सो इनका वेतन मिलता तो कैसे,सुनील कुमार दौरते रहे मगर न मुखिया ने इनकी सुनी न बिहार के सुशासन बाबू की वह सरकार जो दलितों और अल्पसंख्यकों के कल्याण के नाम पर सालों से हुकूमत स्थापित है ,बात जब न बनी 6 साल से भी जेयदा अर्से बीत गए,तब बिहार के मशहूर सौतंत्र पत्रकार  सह मानवाधिकार कार्यकर्ता  मोहम्मद कौसर नदीम ने दलित सुनील कुमार को इन्साफ द
4/1/2013 को जब एस डी ओ बारा चकिया से जब पूछा गया के 20 दिन बीत जाने के बावजूद आगे की कार्रवाई हेतु सम्बंधित अधिकारी के पास नहीं पहुँच पाना कानूनन कितना बिहार के पूर्बी चंपारण के बारा चकिया के एस डी ओ ने ये कह कर सुशासन को कटघेरे में ला दिया है के जनता की फाइल , आवेदन जब तक चाहेगा चांप के और दबा के रखे गा ,यानी काम अपनी मर्जी से करेगा ,कानून के हिसाब से नहीं ,मामले के बारे में बताया जाता है के एक आवेदक  ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने हे तू आवेदन दिनांक 13 दिसंबर 2012 को  एस डी ओ कार्यालय बारा चकिया  में किया था , बीस दिनों बाद जब कल्यानपुर बी डीओ से पता किया तो बताया के अब तक उक्त  आवेदन अब तक हमारे कार्यालय में नहीं पहुंचा है ,साथ ही ये भी कहा के हमारे यहाँ जब किसी का आवेदन आता है तो हम उसको नहीं रोकते,उसी दिन उसको पंचायत सचिव के पास आगे की करवाई करने हेतु भेज देते हैं,लेकिन जब उनसे 20 दिन बीत जाने के बाद भी एस  डी  ओ  कार्यालय से अबतक न आना कानून के हिसाब पूछा के कितना उचित है? ,तब बी डीओ ने कहा के जानते नहीं हैं एस डीओ ऑफीस के कर्मचारी कुछ लेन देने के लिए रोके रहता है ,लेकिन  दिनांक उच
Md Kaushar Nadeem  shared a  status . Sunday Public Friends Friends except acquaintances Only me Custom Close friends Family See all lists... Patna, India Area 14 Patna City, Bihār, India Area Freelance Journalist-Cum-Human Rights Activist Bachelor of journalism from m.c.r.p.bhopal Hazi Farzand High School mcrpv bhopal patna muslim high school +2 Acquaintances Go Back बिहार के पूर्बी चंपारण के बरा चकिया के एस डी ओ ने ये कह कर सुशासन को कटघेरे में ला दिया है के जनता की फाइल , आवेदन जब तक चाहेगा चांप के और दबा के रखे गा ,यानी काम अपनी मर्जी से करेगा ,कानून के हिसाब से नहीं ,मामले के बारे में बताया जाता है के एक आवेदक ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने हे तू आवेदन दिनांक 13 दिसंबर 2012 को एस डी ओ कार्यालय बारा चकिया में किया था , बीस दिनों बाद जब कल्यानपुर बी डीओ से पता  किया तो बताया के अब तक उक्त आवेदन अब तक हमारे कार्यालय में नहीं पहुंचा है ,साथ ही ये भी कहा के हमारे यहाँ जब किसी का आवेदन आता है तो हम उसको नहीं रोकते,उसी दिन उसको पंचायत सचिव के पास आगे की करवाई करने हेतु
Md Kaushar Nadeem  shared a  status . Sunday Public Friends Friends except acquaintances Only me Custom Close friends Family See all lists... Patna, India Area 14 Patna City, Bihār, India Area Freelance Journalist-Cum-Human Rights Activist Bachelor of journalism from m.c.r.p.bhopal Hazi Farzand High School mcrpv bhopal patna muslim high school +2 Acquaintances Go Back बिहार के पूर्बी चंपारण के बरा चकिया के एस डी ओ ने ये कह कर सुशासन को कटघेरे में ला दिया है के जनता की फाइल , आवेदन जब तक चाहेगा चांप के और दबा के रखे गा ,यानी काम अपनी मर्जी से करेगा ,कानून के हिसाब से नहीं ,मामले के बारे में बताया जाता है के एक आवेदक ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने हे तू आवेदन दिनांक 13 दिसंबर 2012 को एस डी ओ कार्यालय बारा चकिया में किया था , बीस दिनों बाद जब कल्यानपुर बी डीओ से पता  किया तो बताया के अब तक उक्त आवेदन अब तक हमारे कार्यालय में नहीं पहुंचा है ,साथ ही ये भी कहा के हमारे यहाँ जब किसी का आवेदन आता है तो हम उसको नहीं रोकते,उसी दिन उसको पंचायत सचिव के पास आगे की करवाई करने हेत

जालसाजों की चाँदी ? आरक्षी अधीक्षक पूर्बी चंपारण के आदेश देने के चौदह दिन बाद भी जालसाजी के एक मामले में दर्ज न हुई एफ आई आर ...

आरक्षी अधीक्षक पूर्बी चंपारण के आदेश के बावजूद जालसाजी के एक मामले में जालसाजों के खेलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई है,सूत्रों के अनुसार उपरोक्त जिला के फेन्हरा थाना के गैबन्धी निवासी मुस्मात दुखनी कुंवर ने आरक्षी अधीक्षक पूर्बी चंपारण को लिखित शिकायत दिनांक 29/12/2012 को की थी के उसके नाम पर जारी इंद्रा आवास का रुपया फेन्हारा ब्लॉक के बारा परसौनी उतरी पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव ने जालसाजी कर रुपया गबन कर लिया है,सूत्रों के अनुसार मामला आरक्षी अधीक्षक पूर्बी चंपारण के संज्ञान में दिनांक 4/01/2012 को आया  तो एफ आई आर के आदेश भी दिए,मगर न जाने अंदर की बात क्या है,के आज चौदह (14)दिन बीत जाने के बावजूद अब तक एफ आई आर  न होने से कई तरह के सवाल पैदा होने लगा है .........यहाँ बता ते चले के दुखनी कुंवर के पत्र के अनुसार साल 2003-2004 में इंदरा आवास देने हेतु सरकार ने पैसा जारी किया पर उसे एक अठन्नी तक हाथ न लगी,सरकारी रिकॉर्ड में दिनांक 18/05/2004 को अंतिम भुगतान भी दिखाया गया है।
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Published in 14 Jan-2013 | Print Edition of Roznama Sahara
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                                Published in 12 Jan-2013 | Print Edition of Roznama Sahara

मुस्लिम नौजवानों के खेलाफ आतंकवाद का झूठा मुक़दमा

                    मुस्लिम नौजवानों के खेलाफ आतंकवाद का झूठा मुक़दमा         औरंगाबाद 9,जनवरी (यू एन आई ) रेयासत महाराष्ट्र के नांदेड जिला से दहशत गर्दी  क्व इल्जामात के तेहत गिरफ्तार चार मुस्लिम नौजवानों की रिहाई को लेकर आज यहाँ जमिअत -उल -ओलेम (अरशद मदनी)के वकील ने सेसन कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नक़ल पेश किया और कहा के पुलिस ने उन नौजवानों के खेलाफ दहशत गर्दी का झूठा मुक़दमा दर्ज किया है,जिसके बाद शेसन अदालत ने इस्तेगासा (अभियोजन)की भी बहस सुनी और जमनत के दरखास्त पर फैसला लेने की तारीख ..............तय की ,आरोपियों की पैरवी करने वाले वकील अधिवक्ता खिज्र पटेल ने अदालत के रूबरू सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया और कहा के प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ता ने कल आरोपियों के खेलाफ जो चार नये इल्जेमात (आरोप) लगाये हैं वह उनपर कानूनन लागु नहीं ही सकते ,कयोंके जांच एजेंसियों ने जिन धाराओं को आयेद (लागू) किया है उसका कोई सबूत नहीं है ........        उन्होंने अदालत को बताया के जांच एजेंसियों  ने आरोपियों पे .... यू ए पी ए   एक्ट की जो धारा लगाए हैं उसके मुताबिक़ आरोपियों का किस

एस डी ओ साहेब को कानून की परवाह नहीं?.डी डी सी मोतिहारी ने दिए जाँच के आदेश

4/1/2013 को जब एस डी ओ बारा चकिया से जब पूछा गया के 20 दिन बीत जाने के बावजूद आगे की कार्रवाई हेतु सम्बंधित अधिकारी के पास नहीं पहुँच पाना कानूनन कितना बिहार के पूर्बी चंपारण के बारा चकिया के एस डी ओ ने ये कह कर सुशासन को कटघेरे में ला दिया है के जनता की फाइल , आवेदन जब तक चाहेगा चांप के और दबा के रखे गा ,यानी काम अपनी मर्जी से करेगा ,कानून के हिसाब से नहीं ,मामले के बारे में बताया जाता है के एक आवेदक  ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने हे तू आवेदन दिनांक 13 दिसंबर 2012 को  एस डी ओ कार्यालय बारा चकिया  में किया था , बीस दिनों बाद जब कल्यानपुर बी डीओ से पता किया तो बताया के अब तक उक्त  आवेदन अब तक हमारे कार्यालय में नहीं पहुंचा है ,साथ ही ये भी कहा के हमारे यहाँ जब किसी का आवेदन आता है तो हम उसको नहीं रोकते,उसी दिन उसको पंचायत सचिव के पास आगे की करवाई करने हेतु भेज देते हैं,लेकिन जब उनसे 20 दिन बीत जाने के बाद भी एस  डी  ओ  कार्यालय से अबतक न आना कानून के हिसाब पूछा के कितना उचित है? ,तब बी डीओ ने कहा के जानते नहीं हैं एस डीओ ऑफीस के कर्मचारी कुछ लेन देने के लिए रोके रहता है ,लेकिन  दिनांक उचि

हजरत उमर रजिअल्लहो अन्हो ने एक मर्तबा चोर का हाथ इसलिए नहीं काटा था क्योंके कहत साली का दौर(अकाल का समय )था .......,चोरी न होने के कारण पर जब कंट्रोल नहीं था तो हाथ काटने का हुक्म(आदेश )कैसे दिया जाता .....यहाँ तो हर तरफ बलात्कार होने और करने के कारण का दरवाजा खुला हुआ है .....आस पास हर तरफ कारण खुले हुए है ऐसी सूरत में इस्लामी कानून का पहला काम सजा नहीं ,बलके उसको रोकना है ,इसलिए हिन्दुस्तान के मौजूदा समाज में सिर्फ इस्लामी सजा का मुताल्बा (मांग) करना ना काफी ,हम जब तक उन कारणों पर गौर नहीं करेंगे ,और सिर्फ आँख मुंद कर बे लेबासी ,मर्द की दादा गीरी .पुलिस का रवैया ,सरकारी बे तवज्जहि को सिर्फ जिम्मेदार मानते रहेंगे तो न हालात कंट्रोल होंगे और न रेप का मामला रुकेगा ....

                                                                         अज़ीमुल्लाह सिद्दीकी            जब से दिल्ली में 23 वर्षीये लड़की के साथ गैंग रपे का मामला पेश आया  है ,हर तरफ से आवाज उठने लगी है ,उर्दू , हिंदी ,और अंग्रेजी मीडिया में खूब मजामीन (आर्टिकल )छप रहे हैं ,कोई आरोपी के गुप्तांग काटने की बात कर फेंकने की बात कर रहा ,तो कोई फांसी ,की सजा देने की बात कर रहा ,कोई इस्लामी कानून को लागू करने की बात कर रहा तो कोई दिल्ली में स्थित स्लम बस्तियों में गंवार मर्दों को इसका जिम्मेदार ठहरा रहा ,कोई हरयाना और पंजाब से आने वालों की जेहनियत को इसका जिम्मेदार मान रहा है तो कोई मुल्क और समाज में फहाशी ,उड़यानियत और खुलापन को इसका कारण मानकर पीड़ित औरत को ही जुर्म का दरवाजा खुला रखने वाला  घोषित कर रहा है ,गर्ज  के पूरा शहर ,पूरा मुल्क मोकम्मल (सम्पूर्ण )विरोध मार्च कर रहा है ,लेकिन ये प्रदर्शन किसके खेलाफ है ? प्रदर्शन क्यों हो रहा है ?और इसके पीछे मकसद क्या है ?अगर इसका मक्सद बलात्कारिओं(RAPISTS ) के बीच खौफ व दहशत पैदा करना है तो इसका नतीजा सुन्य आरहा है .क्यों के बीते दिनों में हम