7 साल में खुदकुशी के 122 मामले: क्या आईआईटी, आईआईएम और सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जातिगत भेदभाव बड़ा मसला बन गया है?
पृथ्वीराज बीबीसी संवाददाता 26 दिसंबर 2021 अपडेटेड एक घंटा पहले इमेज स्रोत, ANI इसी हफ़्ते सोमवार को केंद्र सरकार ने लोकसभा को बताया कि देश के आईआईटी, आईआईएम, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और भारत सरकार के पैसे से चलने वाले दूसरे उच्च शैक्षणिक संस्थानों में 122 छात्रों ने साल 2014 से 2021 के दरमियान खुदकुशी कर ली. इसी के साथ ये सवाल भी उठा कि क्या देश के सबसे बेहतरीन माने जाने वाले शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर होने वाले भेदभाव के कारण इन बच्चों ने खुदकुशी कर ली. लोकसभा सांसद एकेपी चिनराज के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया कि खुदकुशी करने वाले छात्रों में 24 बच्चे अनुसूचित जाति, 41 अन्य पिछड़ा वर्ग, तीन अनुसूचित जनजाति और तीन अल्पसंख्यक समुदाय के थे. आत्महत्या एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है. अगर आप भी तनाव से गुजर रहे हैं तो भारत सरकार की जीवन आस्था हेल्पलाइन 1800 233 3330 से मदद ले सकते हैं. आप सरकार की किरण मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन 1800