#SardarVallabhbhaiPatel को छोड़कर गांधी ने नेहरू को अंतरिम प्रधानमंत्री क्यों बनवाया?
दयाशंकर शुक्ल सागर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक, बीबीसी हिंदी के लिए 31 अक्टूबर 2020 इमेज स्रोत, UNIVERSAL HISTORY ARCHIVE महात्मा गांधी अगर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में हस्तक्षेप न करते तो सरदार वल्लभ भाई पटेल स्वतंत्र पहली भारतीय सरकार के अंतरिम प्रधानमंत्री होते. जिस समय आज़ादी मिली, पटेल 71 साल के थे जबकि नेहरू सिर्फ 56 साल के. देश उस वक्त बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा था. जिन्ना पाकिस्तान की जिद पर अड़े थे. ब्रितानी हुकूमत ने कांग्रेस को अंतरिम सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. कांग्रेस चाहती थी कि देश की कमान पटेल के हाथों में दी जाए क्योंकि वे जिन्ना से बेहतर मोलभाव कर सकते थे, लेकिन गांधी ने नेहरू को चुना. राजेन्द्र प्रसाद जैसे कुछ कांग्रेस नेताओं ने ज़रूर खुलकर कहा कि 'गांधीजी ने ग्लैमरस नेहरू के लिए अपने विश्वसनीय साथी का बलिदान कर दिया' लेकिन ज्यादातर कांग्रेसी ख़ामोश रहे. बापू ने देश की बागडोर सौंपने के लिए नेहरू को ही क्यों चुना? छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें पाकिस्तान के कराची में जब नफ़रत की आग में झुलसे हिन्दू और सिख सोनिया गांधी आख़िरकार कांग्रे