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Mamta Banerjee Moral ग्राउंड पर किस्से मांग रहीं इस्तीफा .... जन8ये और भी बहुत कुछ ... इस वीडियो में सब कुछ

पत्रकार रवीश कुमार बहुत ही जरूरी बात बता रहे जिसे पूरे देश को जानना जरूरी ।

Khoon mein koi Farq nahi Bas Rajniti ne Banta Hai

Zaroor Sunein Ravish Kamar ko

#CAA K Naam par Purey desh ko kaise ullu banaya gaya tha ..Prakash Daal rahe hakn Desh k sab se charchit patrkar Mr Ravish Kumar

Rivish Kumar ne Kya kaha Patrkarita ko Le kar

Qanoon Apna Kaam kar raha yaa Qanoon se Koi Apna Kaam karwa raha ? Aakhir Wah kaun Hai Jo Qanoon ka Durupyog Karwa raha ?

आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला संगीन है लेकिन सिर्फ नाम भर आ जाना काफी नहीं होता है। नाम आया है तो उसकी जांच होनी चाहिए और तय प्रक्रिया के अनुसार होनी चाहिए। एक पुराने केस में इस तरह से गिरफ्तारी संदेह पैदा करती है। महाराष्ट्र पुलिस को कोर्ट में या पब्लिक में स्पष्ट करना चाहिए कि क्या प्रमाण होने के बाद भी इस केस को बंद किया गया था? क्या राजनीतिक दबाव था? तब हम जान सकेंगे कि इस बार राजनीतिक दबाव में ही सही, किसी के साथ इंसाफ़ हो रहा है। अदालतों के कई आदेश हैं। आत्महत्या के लिए उकसाने के ऐसे मामलों में इस तरह से गिरफ्तारी नहीं होती है। कानून के जानकारों ने भी यह बात कही है। इसलिए महाराष्ट्र पुलिस पर संदेह के कई ठोस कारण बनते हैं। जिस कारण से पुलिस की कार्रवाई को महज़ न्याय दिलाने की कार्रवाई नहीं मानी जा सकती।

अदालतों पर भरोसे की बहाली का फ़ैसला...