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जनाब ! कथित इंडियन मुजाहेदीन को इस तरह से समझें

                                                             मुदाखेलत (हस्तकक्षेप) सेराज अनवर                         उर्दू दैनिक पटना दिनांक 27/0 2 /2013                       जनाब ! कथित इंडियन मुजाहेदीन को इस तरह से समझें पटना : "अंजुमन फर्जन्दाने हिन्द" इस नाम से आप किस तरह के संगठन की कल्पना करेंगे ? यही न के ये शुद्ध मुसलमानों पे आधारित संगठन होगी ,अगर आप ऐसा सोंच रहे तो बिलकुल गलत हैं .........इस संगठन के चीफ का नाम है गिरीश जोयाल .......गिरीश जोयाल मुसलमान तो हैं नहीं , लेकिन अंजुमन फर्जन्दाने हिन्द के नाम से संगठन चलाकर देश के लोगों में ग़लतफ़हमी पैदा करते हैं ......गिरीश जोयाल चाहते तो अंजुमन (संगठन का नाम किसी हिन्दू तंजीम पर रख सकते थे ....दिल्चश्प  बात ये  है के अंजुमन फर्जन्दाने हिन्द के बैनर तले "भारत माँ के बेटों का संगठन "  तहरीर है .....इसी तरह की एक संगठन है राष्ट्रीय ओलेमा  कौंसिल ....ओलेमा के नाम से मजहबी पेशवाओं (धार्मिक गुरुओं ) का गुमान होता है ....मजहबी मिल्ली तंजीमों के रहबरों का नाम जब लिया जाता है तो ओलेमा  विशेष रूप से इस्तेमाल

जब आतंकवादियों का कोई जात -पात और धर्म नहीं,तो शक के बुनियाद पर भगवा दहशतगर्दों से पूछ ताछ क्यों नहीं?

इस देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है के इस देश का होम मिनिस्टर दहशतगर्दी जैसे मामले पर पहले पक्के सबूत के बुनियाद पर देश की जनता के सामने सच्चाई रखते हुए बयान देता है ,फिर उस बयान के लिए माफ़ी भी उसी संगठन से मांगता है जिसके बारे में मुल्क में दहशतगर्दी के कैंप चलाने ,और आतंकी वारदातों में शामील होने के पुख्ता सबूत पास में होते हैं ,उनके माफ़ी मांगने के अंदाज ने दुनिया के सामने कई गलत पैगाम दिए,पहला ये के हिन्दुस्तान सिर्फ मुस्लिम आतंक के मामले में ही शख्त रवैया रखती है ,हिदुत्व और भगवा आतंकवाद के मामले में रवैया ढुलमुल और बराए नाम है .......क्या मुसलमानों के जरिय इस तरह की मोखालेफत दहशतगर्दी के मामले में की जाती तो हिन्दुस्तान का कोई भी होम मिनिस्टर इतने पुख्ता सबूत रखने बाद अपने बयान को वापस लेते हुए मुसलमानों से माफ़ी मांग लेती?आज मीडिया हैदराबाद ब्लास्ट को अफजल गुरु की फांसी से जोर कर देख  रही ,बलास्ट को बी जे पी और आर एस एस दबाव और होम मिनिस्टर  के जरिये माफ़ी मांगने के बाद हिंदुत्व दहशतगर्द अपनी छवि सुधारने और अल्पसंख्यकों को बदनाम करने के खेयाल क्या नहीं कर सकती ?क्या ये महज इत्ते