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ग्राउंड रिपोर्ट: असम में डिटेंशन कैंप के भीतर क्या क्या होता है

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नितिन श्रीवास्तव, बीबीसी संवाददाता, असम से 23 अगस्त 2018 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए Image caption सुचिंद्रा गोस्वामी, चन्द्रधर दास, अजित दास कल्पना कीजिए कि एक 35 फ़ुट x 25 फ़ुट के कमरे में करीब 35 आदमी सो रहे हों. सुबह पांच बजे लगभग सभी को एक दहाड़ती हुई आवाज़ के साथ जगा दिया जाए. छह बजे तक इन सभी को कमरे में मौजूद एकमात्र टॉयलेट से फ़ारिग होकर चाय और बिस्कुट ले लेने होंगे. साढ़े छह बजे इन सभी लोगों को बाहर एक बड़े से आँगन में छोड़ दिया जाएगा, पूरा दिन काटने के लिए. अगर सुबह की चाय-बिस्कुट मिस कर गए तो फिर कुछ घंटे बाद ही चावल मिलेगा, जिसके साथ दाल कितनी पकी मिलेगी ये सिर्फ़ क़यास की बात है. null आपको ये भी रोचक लगेगा CAA पर क्या अपनी सरकार का सही बचाव कर पाए मोदी? असम डिटेंशन कैंप: मोदी का दावा कितना सही पिता का शव लेने से इनकार क्यों कर रहा परिवार देशद्रोह के मुक़दमे लड़ रहे जाट परिवारों का हाल null. चार बजे तक रात का डिनर भी ले लेना अनिवार्य