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Azadi ki #AmritMahatsav aur Bharat mein Nayaye ka Haal.... 20 Rupye k liye 21 saal tak Qanuni Ladai Ladni Padi
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चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना ने बताया, देश में न्याय व्यवस्था कैसी हो
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सलमान रावी बीबीसी संवाददाता इमेज स्रोत, HINDUSTAN TIMES आंध्र प्रदेश और दिल्ली उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस एन वी रमन्ना जब भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश बने, तभी से न्यायिक गलियारे में कयास लगाए जा रहे थे कि उनका कार्यकाल पूर्ववर्ती मुख्य न्यायाधीशों से अलग होगा. उन्होंने ऐसे दौर में भारत के मुख्य न्यायाधीश की कमान संभाली जब सर्वोच्च अदालत के फ़ैसलों और न्यायाधीशों की भूमिका को लेकर बहस का दौर चल रहा था. इसी दौर में वह पल भी देखने को मिला था जब सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों ने एक तरह से बाग़ी तेवर अपनाते हुए परंपरा से हटकर स्वतंत्र रूप से संवाददाता सम्मलेन भी किया था. सुप्रीम कोर्ट की साख़ को लेकर भी सवाल उठने लगे थे ऐसे दौर में जस्टिस रमन्ना ने मुख्य न्यायाधीश की ज़िम्मेदारी संभालते ही बदलाव की पहली उम्मीद तब जगाई जब उन्होंने केरल के त्रिशूर ज़िले की एक 10 वर्षीय छात्रा लिडविना जोसेफ द्वारा उनको लिखे गए पत्र का जवाब ख़ुद दिया. विज्ञापन साथ ही उन्होंने उस पांचवीं कक्षा की छात्रा को संविधान की एक प्रति तोहफ़े के रूप में भी भेजी जिस पर उन्होंने ख़ुद हस्ताक्षर ...
राजा मान सिंह जिन्होंने कांग्रेस के मंच और सीएम के हेलिकॉप्टर से भिड़ा दी थी जीप
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नारायण बारेठ बीबीसी हिन्दी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger इस पोस्ट को शेयर करें Twitter साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट FACEBOOK/JAT KSHATRIYA CULTURE यह लम्हों की ख़ता थी. मगर इसे फ़ैसले के मकाम तक पहुंचने में 35 साल लग गए. यह 21 फरवरी ,1985 की घटना है. राजस्थान के भरतपुर ज़िले के डीग में चुनाव के दौरान उपजे एक विवाद के बाद पुलिस ने पूर्व रियासत के सदस्य मान सिंह को गोली चला कर मार डाला. मान सिंह पर आरोप था कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी जीप से पहले कांग्रेस की सभा का मंच धराशाई कर दिया और फिर तत्कालीन मुख्य मंत्री शिव चरण माथुर के हेलीकाप्टर को जीप से टक्कर मार कर क्षतिग्रस्त कर दिया. मथुरा की एक अदालत ने अब इस मामले में 11 पुलिस कर्मचारियों को दोषी क़रार दिया है. अदालत के इस फैसले पर मान सिंह की पुत्री और पूर्व मंत्री कृषेन्द्र कौर दीपा ने संतोष व्यक्त किया है. दीपा ने बीबीसी से कहा, "हमे इंसाफ के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी है. इस घटना के बाद पूर्वी राजस्था...