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कोविशील्ड, कोवैक्सीन स्पुतनिक V और मॉडर्ना: भारत की कोविड-19 वैक्सीनों के बारे में हम क्या जानते हैं

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  13 अप्रैल 2021 इमेज स्रोत, NURPHOTO 21 जून, 2021 से देश में नई वैक्सीन पॉलिसी लागू हुई है. भारत में अब तक 36 करोड़ से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक ख़ुराक मिल चुकी है जबकि सात करोड़ से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन की दोनों ख़ुराक मिल चुकी है. भारत में वैक्सीनेशनल की रफ़्तार तेज़ होने के साथ-साथ उपलब्ध वैक्सीन की संख्या भी बढ़ी है. तीसरी लहर के ख़तरे की आशंका के बीच भारत में चौथी कोरोना वैक्सीन मॉडर्ना को इस्तेमाल की मंज़ूरी मिली है. इससे पहले रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V को आपातकालीन उपयोग के लिए मंज़ूरी दी गई थी. देश की ड्रग नियामक संस्था ने माना है कि रूस में विकसित कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक V सुरक्षित है. यह वैक्सीन ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की तरह ही काम करती है. साइंस जर्नल 'द लैंसेंट' में प्रकाशित आख़िरी चरण के ट्रायल के नतीजों के अनुसार स्पुतनिक V कोविड-19 के ख़िलाफ़ क़रीब 92 फ़ीसद मामलों में सुरक्षा देता है. इन वैक्सीन की मंज़ूरी के साथ अब कोविड-19 से बचाव की चार वैक्सीन उपलब्ध हैं. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया और ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका के सहयोग

Corona का कहर और सरकार की नाकामी

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कोरोना वैक्सीन: ब्रिटेन में एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन 30 साल के कम उम्र के लोगों को नहीं दी जाएगी

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  2 घंटे पहले इमेज स्रोत, REUTERS/YVES HERMAN ब्रिटेन में दवाओं की नियामक संस्था एमएचआरए ने कहा है कि 30 साल के कम उम्र के लोगों को एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन नहीं दी जाएगी और उन्हें इसका कोई दूसरा विकल्प दिया जाएगा. नियामक संस्था का कहना है कि एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन लेने के बाद ब्लड क्लॉटिंग (ख़ून का थक्का जमना) की शिकायत मिलने के बाद ऐसा किया गया है. नियामक संस्था ने अपनी जाँच में पाया है कि मार्च के आख़िर तक यूके में जिन लोगों को भी एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन दी गई थी उनमें से 79 लोग ब्लड क्लॉटिंग के शिकार हुए थे और उनमें से 19 लोगों की मौत हो गई है. हालांकि एमएचआरए ने कहा कि इस बात के कोई पुख़्ता सबूत नहीं हैं कि कोरोना की एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के कारण ही ब्लड क्लॉटिंग हुई है लेकिन ये भी सच है कि ब्लड क्लॉटिंग और वैक्सीन के बीच संबंध और गहरे होते जा रहे हैं. विज्ञापन ब्लड क्लॉटिंग के मामले जिन लोगों में देखे गए हैं, उनमें तकरीबन दो तिहाई महिलाएं हैं. मरने वाले लोगों की उम्र 18 साल से 79 साल के बीच थी. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें एस्ट्राज़ेनेका की कोरोना वैक्सीन से क्या