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Showing posts from May, 2021

सरसों का तेल इतना महंगा क्यों हो गया?

  31 मई 2021 इस समय सरसों के तेल के दाम ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं. बाज़ार में एक लीटर तेल के दाम 175 रुपए तक पहुंच गए हैं, वहीं शुद्ध कच्ची घानी सरसों का तेल तो दो सौ रुपए किलो तक बिक रहा है. भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुताबिक़ अप्रैल 2020 में भारत में एक किलो सरसों के तेल की औसतन क़ीमत 117.95 रुपए थी जबकि नवंबर 2020 में यही दाम 132.66 रुपए प्रति किलो था. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक़ मई 2021 में भारत में सरसों के तेल की औसतन क़ीमत 163.5 रुपए प्रति किलो थी. स्टोरी: दिलनवाज़ पाशा आवाज़: नवीन नेगी वीडियो एडिट: रुबाइयत बिस्तवास (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप  यहां क्लिक  कर सकते हैं. आप हमें  फ़ेसबुक ,  ट्विटर ,  इंस्टाग्राम  और  यूट्यूब  पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

पाकिस्तान की जेल से चार साल की कैद के बाद रिहा हुए प्रशांत

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  Ravinder Singh Robin/BBC Copyright: Ravinder Singh Robin/BBC प्रशांत वैंदम Image caption: प्रशांत वैंदम पाकिस्तानी जेल में पिछले चार साल से कैद प्रशांत वैंदम को रिहा कर दिया गया है. पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों ने प्रशांत को अटारी-वाघा बोर्डर पर सोमवार को सीमा सुरक्षा बल के हवाले किया. भारत के हैदराबाद शहर के रहने वाले प्रशांत पर साल 2017 में अवैध रूप से पाकिस्तान में दाखिल होने का आरोप था. बीबीसी के सहयोगी पत्रकार रवींदर सिंह रॉबिन ने बताया कि प्रशांत अपनी महिला मित्र से मिलने के लिए पाकिस्तान के रास्ते स्विटज़रलैंड जाना चाहते थे. पाकिस्तानी मीडिया में प्रशांत की गिरफ़्तारी की ख़बर छपने के बाद भारत ने पाकिस्तान से संपर्क किया था और उन्हें काउंसल एक्सेस दिए जाने की मांग की थी. प्रशांत को पाकिस्तान के पंजाब सूबे के बहावलपुर शहर में गिरफ्तार किया गया था. उनेक पास पाकिस्तान में रहने के लिए ज़रूरी वैध दस्तावेज़ नहीं थे.

आखिर क्यों है बेरोजगारी ? || 6 फीडर की जगह सिर्फ 2 फीडर की बहाली || जनता को होती है परेशानी , फिर भी सरकार और विभाग करे मनमानी ।।

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मामला बेलागंज(Belaganj) PSS से जुड़े गांव और टोलों से जुड़ी है ।। जहां 4 दिनों से बिजली अनापूर्ति की समस्या से लोग जूझ रहे हैं ।। सरकार और विभाग कैसे है जिम्मेदार ? मीडिया रिपोर्ट (हिंदुस्तान गया 31.05.21) में कहा गया है कि बिजली विभाग खुद समस्या की शिकार है । जिसका निदान किये बगैर सही से बिजली आपूर्ति होना मुश्किल है । समस्या क्या है जानें बेलागंज पॉवर सब स्टेशन में 6फीडर हैं । हर एक फीडर पर एक आदमी की आवश्यकता है लेकिन जानकर हैरानी होगी कि 6 आदमी की बजाए सिर्फ 2 आदमी से काम चलाया जा रहा ।। जाहिर है 6 आदमी के काम को दो आदमी आखिर कैसे निपटाएंगे ? जिस देश में इतने पढ़े लिखे इंजीनियर की फौज हो , ITI किए लाखों बेरोजगार हों ।। वहां ऐसी दिक्कत सोभा नहीं देता । एक मामूली  बेलागंज फीडर में 4 बेरोजगार फीडर की रोजी रोटी पर सरकार कुंडली मार कर बैठी हुई है तो सोंचिये पूरे गया जिले में कितने फीडर होंगे ।। बिहार राज्य में कितने फीडर होंगे , और अगर देश स्तर पर सोंचिये सिर्फ एक फीडर के लेवल पर कितने लोगों को रोजगार से वंचित कर रखा गया है ।। तमाम महकमा की बात की जाए तो  करोड़ों लोगों की बेरोजगारी

कांग्रेस का हमला ||कांग्रेस के सवालों के जवाब है मोदी जी के पास ?

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भारत में अरबों डॉलर के निवेश का विज्ञापन, दफ़्तर का पता नहीं - बीबीसी पड़ताल

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  कीर्ति दुबे बीबीसी संवाददाता 30 मई 2021, 09:02 IST अपडेटेड एक घंटा पहले इमेज स्रोत, SCREENSHOT OF ADVT आर्थिक मामलों पर जानकारी देने वाले भारत के सबसे बड़े अख़बार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' और जानेमाने अख़बार 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' में पिछले सोमवार को पहले पन्ने पर छपा एक ग़ैर-मामूली इश्तेहार कई तरह से सनसनीखेज़ और चौंकाने वाला था. विज्ञापन सीधे देश के प्रधानमंत्री को संबोधित था जिसमें विज्ञापन देने वाली कंपनी ने कहा कि वह भारत में 500 अरब डॉलर का निवेश करना चाहती है. 500 अरब डॉलर यानी तक़रीबन 36 लाख करोड़ रुपए. यह रकम कितनी बड़ी है इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि भारत में पिछले साल अमेरिका से कुल पूंजी निवेश सात अरब डॉलर था, यानी अकेली कंपनी जिसका नाम पहले कभी नहीं सुना गया वह भारत में कुल अमेरिकी निवेश से 71 गुना अधिक इनवेस्टमेंट अकेले करने की बात कर रही थी. पहले पन्ने पर लाखों रुपए ख़र्च करके विज्ञापन देने वाली कंपनी का नाम था--लैंडमस रिएलिटी वेंचर इंक. इस विज्ञापन के साथ लैंडमस ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप कुमार एस का नाम दिया गया था. बहुत ही बड़ी रकम, सीधे प्रधानमंत्री को संबोधन और

हाथरस : परिवार का आरोप मुस्लिम होने की वजह से बनाया गया || हरमीत, मसूद के बारे में बात करते हुए बताती हैं कि “वह गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों की सेवा करना चाहता था।”

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  हाथरस : 9 महीने से जेल में बंद मसूद अहमद के बिखरते ख्वाब, परिवार की टूटती उम्मीदें May 29, 2021 Help India! वसीम अकरम त्यागी Twocircles.net के लिए उत्तर प्रदेश के हाथरस में वाल्मिकी समाज की एक युवती के साथ हुई दरिंदगी के बाद पीड़िता के गांव में मीडिया, और राजनेताओं का जमावड़ा लगा था। पांच अक्टूबर 2020 को मसूद अहमद भी अपने तीन दोस्तों के साथ पीड़िता के घर जा रहे थे। लेकिन उन्हें रास्ते में ही पुलिस अधिकारियों ने रोक लिया, जिसके बाद वे उन्हें पुलिस चौकी ले जाया गया जहां उनसे उनके नाम और अन्य सवाल पूछे। मसूद के साथ उनके तीन दोस्त सिद्दीक कप्पन मोहम्मद आलम और अतीकुर्रहमान भी शामिल थे। लेकिन रास्ते में थाना मांट पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे के मांट टोल प्लाजा पर इन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। इसी वर्ष अप्रैल में इनके ख़िलाफ यूपी एसटीएफ ने चार्जशीट दाखिल की है। कौन हैं मसूद अहमद उत्तर प्रदेश के उत्तरपूर्वी इलाक़े बहराइच के रहने वाले मसूद अहमद कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) में छात्र नेता है। उनके भाई मोनीस अहमद कहते हैं कि “उस लड़की के साथ होने