जेएनयू हिंसाः हमले करने का दावा, वॉट्सऐप के नंबर सामने, फिर भी गिरफ़्तारी क्यों नहीं?
ब्रजेश मिश्र बीबीसी संवाददाता 9 जनवरी 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट AFP जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुई हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में मंगलवार को एक संगठन ने दावा किया है कि जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा और तोड़फोड़ में उसका हाथ है. ख़ुद को हिंदू रक्षा दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हुए पिंकी चौधरी नाम के शख़्स ने दावा किया जेएनयू में हो रही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से नाराज़ होकर उनके संगठन ने यह कदम उठाया है और उन्हें किसी तरह का खेद नहीं है. इस मामले में चार दिन बाद भी दिल्ली पुलिस कोई गिरफ़्तारी नहीं कर पाई. सवालउठने लगा है कि जब एक संगठन और उसके प्रमुख ने खुलकर इस हिंसा की ज़िम्मेदारी ली है, उसके बाद भी पुलिस ने अब तक उनकी गिरफ़्तारी क्यों नहीं की? इस सवाल पर दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि ये जांच का विषय है और जांच पूरी होने के बाद इस पर कोई एक्शन लिया जाएगा. null आपको ये भी रोचक लगेगा JNU के वीसी ने कहा, 'सारी ज़ि