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प्यारे दोस्तों जब तुम पैदा नहीं हुए थे, तब भी ये भूमि थी. जब तुम नहीं रहोगे, तब भी ये भूमि रहेगी और इसपर कोई और रहेगा. अशोक के साम्राज्य में तो अफ़ग़ानिस्तान भी शामिल था. अब अफ़ग़ानिस्तान एक अलग देश है. तो कौन-सी मातृ या पितृ भूमि या ये तेरा है - ये मेरा और एक इंच भी आगे बढ़ा तो इसी भूमि पर लिटा दूंगा. ज़ाहिर है, एक दिन तो हम सभी लेट जाएंगे, इसी भूमि पर. कोई पहले - कोई बाद में. इसलिए नक्शे बनाने और एक दूसरे को नक्शे दिखाने का कोई मतलब ही नहीं है. आदमी हो तो आदमी बनकर जीओ और इज़्ज़त से निकल लो. नक्शेबाज़ी ना करो, प्लीज़.

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कश्मीरः आदमी बनकर जियो, नक्शेबाज़ी ना करो - वुसअत का ब्लॉग वुसअतुल्लाह ख़ान वरिष्ठ पत्रकार, पाकिस्तान से बीबीसी हिंदी के लिए 4 नवंबर 2019 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट PIB Image caption भारत सरकार की ओर से जारी किया गया भारत का नवीनतम मानचित्र भारत ने कश्मीर का जो नया नक्शा छापा है, उसमें पाकिस्तान प्रशासित गिलगित और बाल्टिस्तान को लद्दाख के नए संघीय क्षेत्र का और पाकिस्तान प्रशासित आज़ाद कश्मीर की राजधानी मुज़फ़्फ़राबाद और मीरपुर को जम्मू-कश्मीर के नए संघीय क्षेत्र का हिस्सा दिखाया गया है. ज़ाहिर है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस नक्शे को खारिज कर दिया है, क्योंकि पाकिस्तान के सरकारी नक्शे में पहले से ही पूरा लद्दाख और जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा है. लेकिन इसमें बारीक शब्दों में ये भी लिखा हुआ है कि ये विवादित क्षेत्र है. जबकि भारत के पुराने नक्शे में भी गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित आज़ाद कश्मीर, भारत का हिस्सा है और इसपर विवादित क्षे

अगर भारत अब इन 3 नदियों का पानी रोकता है तो पाकिस्तान को पूरी दुनिया से सहानुभूति मिलेगी ।

#ShaikhJawwad FBP/16-357 अब सिन्धु नदी का जुमला :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितने शातिर हैं उनके भक्त उतने ही बेवकूफ , बोले तो "झंडू"। जिनको संतुष्ट करने के लिए नरेंद्र मोदी इस हद तक बेवकूफी भरे बयान दिलवा रहे हैं जिससे उनके प्रति भक्तों की उम्मीद बनी रहे कि वह पाकिस्तान के विरुद्ध कार्यवाही कर रहे हैं। ताजा जुमला सिंधु नदी समझौते को तोड़ने की विदेश मंत्रालय की धमकी है। आइए सिन्धु नदी समझौते की हकीकत समझते हैं, इस समझौते में 6 नदियों के जल का बटवारा किया गया है , सतलज, रावी , ब्यास,सिंधु, चिनाब और झेलम। सतलज रावी और व्यास के पानी पर भारत का पुर्ण अधिकार है जिसका वह यथासंभव उपयोग करता है परन्तु सिन्धु , चिनाब और झेलम के पानी का वह 20% पानी ही उपयोग कर सकता है। शेष पाकिस्तान की ओर जाने देता है। सिंधु नदी दुनिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक है। इसकी लंबाई 3000 किलोमीटर से अधिक है यानी ये गंगा नदी से भी बड़ी नदी है। अपनी सहायक नदियों के साथ सिंधु नदी पाकिस्तान में जाकर एक हो जाती हैं। सिंधु नदी बेसिन करीब साढ़े ग्यारह लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। अर्थात उत्तर

1857 जंगे आजादी और उल्मा ए अहले सुन्नत का किरदार जिन्होने अपने खून से हिन्दुस्तान को सींचा और लोगो को गुलामी के जंजीरो से आजाद होने का जज्बा पैदा किया. सुल्तान टीपु ये हिन्दुस्तान के पहले मुजाहीद है जिन्होने अंग्रेजो के खीलाफ अलमे जिहाद को बुलंद किया और सबसे पहले तसव्वरे आजादी का का जेहन दिया.

1857 जंगे आजादी और उल्मा ए अहले सुन्नत का किरदार जिन्होने अपने खून से हिन्दुस्तान को सींचा और लोगो को गुलामी के जंजीरो से आजाद होने का जज्बा पैदा किया. सुल्तान टीपु ये हिन्दुस्तान के पहले मुजाहीद है जिन्होने अंग्रेजो के खीलाफ अलमे जिहाद को बुलंद किया और सबसे पहले तसव्वरे आजादी का का जेहन दिया. 1857 मे जो जंगे आजादी के सबसे बडे हिरो थे इसमे  उल्मा ए किराम की एक बडी तवील फेहरिस्त है खुसुसन इस तहरीक के बानी और इस तहरीक को शूरू करने वाले सबसे पहले जिस शख्शियत का नाम आता है वो हजरते अल्लामा फजले हक खैराबादी का आता है. उसके बाद हजरत सैयद किफायत अली काफी मुरादाबादी रहम. हैं ये अपने वक्त के बहोत बडे जंगे आजादी के मुजाहिद है. मुफ्ती सदरूद्दीन आजरदह देहलवी ये 1857 के जंगे आजादी के वो उल्मा हैं जिन्होने लोगो मे आजादी का जजबा पैदा किया और एक नई रूह फूंकी. इन्ही मे अल्लामा अहमादुल्लाह शाह मडरासी जो एक बहोत बडे वलिये कामिल और एक मजजूब बुजुर्ग थे जब अल्लामा फजले हक खैराबीदी ने अंग्रेजो के खिलाफ अल्मे जिहाद का फतवा दिया तो उस फतवे पर इस बुजुर्ग के भी दस्तखत थे इस बुजुर्ग ने