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प्यारे दोस्तों जब तुम पैदा नहीं हुए थे, तब भी ये भूमि थी. जब तुम नहीं रहोगे, तब भी ये भूमि रहेगी और इसपर कोई और रहेगा. अशोक के साम्राज्य में तो अफ़ग़ानिस्तान भी शामिल था. अब अफ़ग़ानिस्तान एक अलग देश है. तो कौन-सी मातृ या पितृ भूमि या ये तेरा है - ये मेरा और एक इंच भी आगे बढ़ा तो इसी भूमि पर लिटा दूंगा. ज़ाहिर है, एक दिन तो हम सभी लेट जाएंगे, इसी भूमि पर. कोई पहले - कोई बाद में. इसलिए नक्शे बनाने और एक दूसरे को नक्शे दिखाने का कोई मतलब ही नहीं है. आदमी हो तो आदमी बनकर जीओ और इज़्ज़त से निकल लो. नक्शेबाज़ी ना करो, प्लीज़.

अगर भारत अब इन 3 नदियों का पानी रोकता है तो पाकिस्तान को पूरी दुनिया से सहानुभूति मिलेगी ।

1857 जंगे आजादी और उल्मा ए अहले सुन्नत का किरदार जिन्होने अपने खून से हिन्दुस्तान को सींचा और लोगो को गुलामी के जंजीरो से आजाद होने का जज्बा पैदा किया. सुल्तान टीपु ये हिन्दुस्तान के पहले मुजाहीद है जिन्होने अंग्रेजो के खीलाफ अलमे जिहाद को बुलंद किया और सबसे पहले तसव्वरे आजादी का का जेहन दिया.