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उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन सरकार चला पाएंगे?

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नामदेव अंजना बीबीसी मराठी संवाददाता 30 नवंबर 2019 साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES उद्धव ठाकरे ने अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर अपना कार्यभार संभाल लिया है. लेकिन, इससे पहले उन्होंने कभी कोई प्रशासनिक दायित्व नहीं संभाला है. इसलिए ये सवाल उठ रहा है कि क्या वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर अपना काम सही ढंग से कर पाएंगे. हालांकि, उन्होंने पिछले कुछ सालों में जिस तरह से शिव सेना का नेतृत्व किया है और जिस तरह से शिव सेना के ज़रिए उन्होंने मुंबई नगर निगम को चलाया है, उससे उनके कामकाजी स्टाइल का आकलन किया जा सकता है. पिछले कुछ सालों से, शिव सेना ही मुंबई नगर निगम चला रही है. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश अकोलकर कहते हैं, "उद्धव ठाकरे की प्रशासन पर पकड़ रही है. लेकिन कोई ये नहीं कह सकता है कि बीएमसी से मुंबई के निवासियों को फायदा हुआ है. उनका किसी प्रशासन से सीधा कनेक्शन नहीं रहा है. उन्होंने केवल अपनी पार्टी को चलाया है लेकिन वे कभी किसी पद पर नहीं रहे." "मुख्यमंत्री बनने से पहले शिवाजी पार्क और मातोश्री का हाल ही उनके

महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे असल में क्या कहते हैं? - नज़रिया

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25 अक्तूबर 2019 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES चुनाव प्रचार और मतदान के बाद महाराष्ट्र को लेकर आए एग्ज़िट पोल के अनुमानों में बीजेपी को अकेले दम पर बहुमत हासिल करते हुए दिखाया गया. यहां तक कि मतगणना के कुछ दिन पहले हरियाणा में कांटे की टक्कर की बात कुछ लोगों ने स्वीकार की लेकिन महाराष्ट्र के नतीजों का अनुमान वैसा ही बना रहा. महाराष्ट्र की राजनीति पर क़रीब से नज़र रखने वाले कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र के नतीजों ने भले ही लोगों को चौंकाया हो लेकिन राज्य में स्थितियां इससे अलग नहीं थीं. पढ़ें राजनीति के जानकार सुहास पल शीकर  का नज़रिया, जिनसे बात की बीबीसी संवाददाता संदीप सोनी ने. जो अंतिम नतीजे आए हैं उसमें कोई ताज्जुब नहीं है. ये अलग बात है कि हमारा अनुमान था कि बीजेपी को कम से कम 110 सीटें हासिल होंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इससे बीजेपी के अंदर ही कई सवाल खड़े हो गए हैं. क्योंकि बीजेपी का अनुमान था कि उसे 120 सीटें तो मिल ही जाएंगी.