प्रभाकर मणि तिवारी बीबीसी हिंदी के लिए, कोलकाता से इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट SANJAY DAS/BBC मदरसों का नाम लेते ही आंखों के सामने आमतौर पर एक ऐसे स्कूल की तस्वीर उभरती है जहां अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र पारंपरिक तरीके से तालीम हासिल करते हैं. लेकिन पश्चिम बंगाल के मदरसों में यह तस्वीर बदल रही है. राज्य के मदरसों में न सिर्फ ग़ैर-मुसलमान छात्र पढ़ते हैं, बल्कि उनकी तादाद भी लगातार बढ़ रही है. राज्य में सोमवार से शुरू मदरसा बोर्ड की परीक्षा ने इस बार एक नया रिकॉर्ड बनाया है. इस परीक्षा में शामिल 70 हज़ार छात्रों में से लगभग 18 फ़ीसदी हिंदू हैं. मदरसा बोर्ड की यह परीक्षा दसवीं के समकक्ष होती है. इससे पहले साल 2019 की परीक्षा में ग़ैर-मुस्लिम छात्रों की तादाद 12.77 फ़ीसदी ही थी. राज्य में सरकारी सहायता-प्राप्त 6,000 से ज़्यादा मदरसे हैं. पश्चिम बंगाल मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष अबू ताहेर कमरुद्दीन बताते हैं, "बीते कुछ वर्षों से परीक्षा में