NRC - CAA पर मशहूर पत्रकार अशरफ अस्थानवी का लेख ।
मुनसिफ भी तुम्हरा है अदालत भी तुम्हारी है, इंसाफ तो रो रो के यहाँ -----------चीख रहा हैl देश का लोकतंत्र खतरे में है विधायका न्यायपालिका, कार्यपालिका और प्रेस लोकतंत्र के स्तंभ हैं लेकिन इन चारोँ का वजूद खतरे में है। सत्ता के नशे में चूर केंद्र की मोदी सरकार ऐसे ऐसे कानून बना रही है जिससे देश के संविधान को चोट पहुँच रहा है। नागरिकता कानून से पुरे देश में उबाल की स्थिति बन गई है। पुरे देश में ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहा है और अब तक चार लोग मौत की नींद सो चुके हैं लेकिन सरकार मूकदर्शक बानी हुई है और कह रही है कि किसी भी हाल में इसे वापिस नहीं लिया जा सकता । विवश हो कर 59 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पेटिशन फाइल किया और कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया परन्तु कोर्ट ने इसपर आदेश देने से इंकार कर दिया, हाँ एक नोटिस ज़रूर केंद्र सरकार को जारी किया गया है। इसके पूर्व भी अनुछेद 370 हटाए जाने के विरुद्ध दर्जनों पेटिशन फाइल हुए लेकिन पांच माह हो गए कोर्ट मौन धारण किये बैठा है । बाबरी मस्जिद पुनर्चिका पेटिशन को भी कोर्ट ने निरस्त कर दिया । तलाक़ बिल पर भी कोर्ट कोई कारवाई