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कश्मीर पर पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार, लेकिन शर्त के साथ

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रियाज़ सोहैल बीबीसी उर्दू इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने भारत के साथ सशर्त संवाद की पेशकश की है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान को दो-तरफा संवाद से कोई दिक्क़त नहीं है और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का भी स्वागत किया जाएगा. बीबीसी उर्दू को दिए साक्षात्कार में विदेशमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी संवाद से मुंह नहीं मोड़ा, लेकिन भारत का मौजूदा माहौल इसके लिए अनुकूल नहीं लगता. उन्होंने कहा कि भारत प्रशासित कश्मीर में कर्फ्यू ख़त्म कर दिया जाए, बुनियादी अधिकार बहाल कर दिए जाएं, हिरासत में लिए गए कश्मीरी नेताओं को छोड़ दिया जाए और उन्हें (शाह महमूद क़ुरैशी को) इन नेताओं से मिलने की इजाज़त दी जाए, तो संवाद निश्चित तौर पर शुरू हो सकता है. पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने कहा, ''इस संघर्ष में तीन पक्ष हैं. मुझे लगता है कि भारत यदि गंभीर है तो उसे सबसे पहले कश्मीरी नेतृत्व को रिहा कर देना चाहिए. मुझे उनसे मिलने और परामर्श करने दीजिए. मुझे उनक
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Accessibility links सामग्री को स्किप करें Accessibility Help सूची खोजें News हिंदी BBC News हिंदी Navigation सेक्शन NRC: 'मेरे पति ने असम आंदोलन में जान गंवाई, फिर हम विदेशी कैसे हुए?' दिलीप कुमार शर्मा बीबीसी हिंदी के लिए बोरूनगुरी (असम) से 3 घंटे पहले इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट DILIP SHARMA/BBC Image caption सरबबाला "ऐसी बातों से कितना दुख पहुंचता है, ये दूसरा कोई नहीं समझ सकता. सरकार ने हमारा सम्मान तो किया है लेकिन अब हमें पुलिस और कोर्ट के चक्कर काटने पड़ रहे हैं." "विदेशियों को खदेड़ने वाले असम आंदोलन में मेरे पति ने जान दे दी थी. वो लोग मेरे पति का सिर काट कर ले गए थे. दो-तीन दिन बाद बिना सिर का शव मिला था. मेरे पति अखिल असम छात्र संस्था (आसू) के लोगों के साथ देश के लिए शहीद हो गए. उन शहीदों के बलिदान के कारण ही एनआरसी बनी है और पुलिस अब हमें गिरफ़्तार करने की धमकी देती है."