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Zara yah bhi Gaur se dekh lijiye

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लालू यादव की बेटी रख रही रोज़ा

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Alaan Sadqa E Fitra

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Zakat के बारे में #Afzal_Amanullah Sahab #EX _Home_Secretary_Bihar ने मुसलमानों से की क्या खास अपील , देखें पूरा वीडियो

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27 Rajab ki Shab Eebadat aur Rozah ki Shara'Ee Haisiyat....

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जानिए कैसे तय होती है दुनिया भर में ईद की तारीख़?

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24 मई 2020 साझा कीजिए रमज़ान और दिल्ली के पकवान रमज़ान के आख़िर में एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार आता है, ईद. लोग तैयार होकर नए कपड़े पहन कर अपने दोस्तों, परिवारवालों और क़रीबी लोगों से मिलते हैं. लज़ीज़ पकवानों से भरी दावतों का आयोजन किया जाता है. लेकिन दुनिया भर में मनाए जाने वाले इस त्योहार की तारीख़ आख़िर कैसे निर्धारित की जाती है? सऊदी अरब में आज ईद है जबकि भारत में कल. आख़िर ऐसा क्यों? बीबीसी उर्दू के अयमान ख़्वाजा और आमिर राविश ने इसके तरीक़े को आसान शब्दों में समझाने की कोशिश की है. 'मैं उतनी ही मुसलमान, जितने मेरे पति हिंदू' भाजपा की पत्रिका के संपादक को रोज़ा रखने पर अपने ही दोस्तों ने किया ट्रोल चंद्रमा की शक्ति दुनिया भर में रहने वाले लगभग दो अरब मुसलमान रमज़ान महीने के आख़िर में चाँद देखते हैं. मुसलमान चंद्र कैलेंडर (लूनर कैलेंडर) को मानते हैं. इस कैलेंडर में तारीख का निर्धारण चंद्रमा के अलग-अलग रूपों में दिखने के मुताबिक़ होता है. रमज़ान इस कैलेंडर के नौवें महीने में आता है. हर साल इस कैलेंडर में लगभग ग्यारह द

कोरोना वाइरस, लाकडाउन और नेकियों के मौसमे बहार की आमद

✍🌹✍ डॉक्टर मुहम्मद नजीब क़ासमी  (www.najeebqasmi.com) 🌙🌙🌙 नेकियों का मौसमे बहार शुरू होने वाला है, मगर दुनिया में कोरोना वबाई मर्ज के फैलने के कारण इस वर्ष अल्लाह के घरों में प्रत्येक वर्ष की तरह नमाजियों की भीड़ भाड़ नहीं आयेगी, बल्कि प्रत्येक वर्ष तरावीह की नमाज में अल्लाह के पाक कलाम अर्थात कुरआन शरीफ सुनने और सुनाने वाले सज्जन भी अल्लाह तआला से मुआफी मांगते हुए अपने घरों में ही तरावीह की नमाज अदा करने पर मजबूर हैं। प्रत्येक मुसलमान चाहता है कि वह बरकतों वाले महीने में अपनी ईबादत की मिक़्दार बढ़ाये, इसलिए रमजानुल मुबारक में मस्जिदें विशेषकर जुमए की नमाज के लिए नमाजियों से भर जाती हैं। और यह भी कि नबी सललललाहु अलैहि व सललम के कथनानुसार रमजान के महीने में प्रत्येक मुसलमान अपनी हैसियत के अनुसार सखावत से काम लेता है, चुनांचे गरीबों और मिस्कीनों को भी इस महीने में सबसे ज्यादा याद किया जाता है। इन दिनों गरीब तबका हमारी मदद का खास मुहताज है, इसलिए इस माह में गरीबों की मदद में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें। हमें हालात से घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारे मौला ने हमारी शक्ति के अनुपा