जानिए कैसे तय होती है दुनिया भर में ईद की तारीख़?




रमज़ान और दिल्ली के पकवान

रमज़ान के आख़िर में एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार आता है, ईद.
लोग तैयार होकर नए कपड़े पहन कर अपने दोस्तों, परिवारवालों और क़रीबी लोगों से मिलते हैं. लज़ीज़ पकवानों से भरी दावतों का आयोजन किया जाता है.
लेकिन दुनिया भर में मनाए जाने वाले इस त्योहार की तारीख़ आख़िर कैसे निर्धारित की जाती है? सऊदी अरब में आज ईद है जबकि भारत में कल. आख़िर ऐसा क्यों?
बीबीसी उर्दू के अयमान ख़्वाजा और आमिर राविश ने इसके तरीक़े को आसान शब्दों में समझाने की कोशिश की है.


चंद्रमा की शक्ति

दुनिया भर में रहने वाले लगभग दो अरब मुसलमान रमज़ान महीने के आख़िर में चाँद देखते हैं. मुसलमान चंद्र कैलेंडर (लूनर कैलेंडर) को मानते हैं.
इस कैलेंडर में तारीख का निर्धारण चंद्रमा के अलग-अलग रूपों में दिखने के मुताबिक़ होता है. रमज़ान इस कैलेंडर के नौवें महीने में आता है.
हर साल इस कैलेंडर में लगभग ग्यारह दिन का अंतर आता है. चंद्र कैलेंडर मुसलमानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
इसी कैलेंडर और चंद्रमा को देखकर न केवल रमज़ान की तारीख़ों का निर्धारण किया जाता है बल्कि ईद किस दिन है, इसका फ़ैसला भी चाँद देखकर ही किया जाता है.

Image captionधर्मनिरपेक्ष देश तुर्की ईद के दिन का फैसला खगोल विज्ञान की मदद से करता है

रमज़ान में रोज़े रखने वाले मुसलमानों को अगर सौर कैलेंडर पर भरोसा होता तो दुनिया में हर जगह रमज़ान अलग-अलग समय और महीनों में मनाया जाता.
कुछ देशों में यह दिसंबर में आता और कुछ देशों इसे जून में मनाते. लेकिन चंद्र कैलेंडर के हिसाब से सारे मुसलमान दुनिया भर में रमज़ान एक साथ मनाते हैं.
न केवल एक साथ बल्कि बदलती तारीख़ों की वजह से उन्हें अलग अलग मौसम में रमज़ान का अनुभव होता है.



श्रीनगर में रमज़ान का नज़ारा

तो समस्या क्या है?

ईद का दिन चंद्र कैलेंडर के दसवें महीने 'शव्वाल' की पहली तारीख़ को आता है. लेकिन इस्लाम में इस बात पर चर्चा होती आई है कि ईद का मूल दिन कौन सा है और इसका निर्धारण कैसे किया जाना चाहिए.
कई देशों में मुसलमान ख़ुद चाँद देखने के बजाय देश के उन अधिकारियों पर निर्भर करते हैं जिन्हें चाँद देखने की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है.
जबकि कुछ लोग इस दिन का निर्धारण सौर कैलेंडर देखकर भी करते हैं. और कहीं कहीं ऐसा भी होता है कि लोग खगोल विज्ञान की मदद से नया चाँद देखते हैं.
पूरी दुनिया कभी भी एक ही दिन ईद नहीं मनाती. हालांकि ईद मनाने की तारीखों में ज़्यादा से ज़्यादा एक या दो दिन का अंतर होता है.

Image captionयूरोप में मुसलमान अपने समुदायों के नेताओं के निर्णय का पालन करते हैं

खगोल विज्ञान

उदाहरण के तौर पर सऊदी अरब में ईद कब होगी, इसका फ़ैसला तब किया जाता है जब आम जनता में से कुछ लोगों को चांद नज़र आया हो.
कई मुस्लिम देशों सऊदी अरब की तय की हुई तारीख पर ही ईद मनाते हैं. लेकिन शिया आबादी वाले देश ईरान में ईद की तारीख का निर्धारण सरकार करती है.
जबकि इराक, जहां शिया और सुन्नी दोनों मुसलमान रहते हैं, वहां पर दोनों समुदायों के लोग अपने-अपने धार्मिक की नेताओं का अनुसरण करते हैं.
इराक में साल 2016 में पहली बार शिया और सुन्नी मुसलमानों ने एक साथ ईद मनाई थी.
जबकि धर्मनिरपेक्ष देश तुर्की ईद के दिन का फैसला खगोल विज्ञान की मदद से करता है. और यूरोप में मुसलमान अपने समुदायों के नेताओं के निर्णय का पालन करते हैं.
https://www.bbc.com

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