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इमाम और उनके हिंदू दोस्त ने लेस्टर तनाव के दौरान कैसे किया लोगों को शांत

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  जेरेमी बॉल बीबीसी न्यूज़ 1 अक्टूबर 2022, 19:09 IST अपडेटेड 3 घंटे पहले इमेज कैप्शन, अजय नागला (बाएं) और इमाम अहमद यहां के हाईफील्ड्स इलाके में ही पले बढ़े हैं भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप में खेले गए क्रिकेट मैच के बाद ब्रिटेन के लेस्टर में हिंदू और मुसलमानों के बीच पैदा हुए तनाव के दौरान दो दोस्त लोगों को शांत करने में जुटे थे. इनमें से एक हिंदू है तो दूसरा मुसलमान. ये दोनों बचपन के दोस्त हैं. उस मैच के बाद लेस्टर में हिंदू और मुसलमान समुदाय के बीच बना अशांति का माहौल 17 सितंबर को चरम पर था. पुलिस लाइन्स और एक हिंदू मंदिर के बाहर इन दोनों समुदायों के लोगों ने एक दूसरे पर बोतलें फेंकीं. इसी दौरान इमाम अहमद और उनके बचपन के दोस्त अजय नागला ने तनाव को शांत करने की कोशिश की. ये दोनों इसी शहर के हाईफील्ड्स इलाके में पले बढ़े हैं. इमाम ने बताया कि वे बेलग्रेव रोड पहुंच कर वहां माहौल को शांत करने की कोशिश में जुटे थे. वे बताते हैं, "इसके बाद वहां और अधिक संख्या में मुस्लिम युवक जमा हो गए फिर माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया." छोड़कर ये भी पढ़ें आगे बढ़ें ये भी पढ़ें ब्रिटेनः बर

राधिका कहती हैं, "दूसरे देशों से अलग तरह से संबंध रखना और देश के भीतर अलग तरह से समुदायों को देखना, ये दो तरह की बातें हैं जो अब नहीं चल सकेंगी. बीजेपी एक तरह के दोराहे पर है कि वो कट्टर बने रहना चाहेगी है या फिर मॉडरेट (मध्यमार्गी) रास्ता अपनाना चाहेगी."

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  नूपुर शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से जुड़े कुछ ज़रूरी सवालों के जवाब मानसी दाश बीबीसी संवाददाता 2 जुलाई 2022 इमेज स्रोत, AJAY AGGARWAL/HINDUSTAN TIMES VIA GETTY IMAGES पैगंबर मोहम्मद को लेकर भड़काऊ बयान के लिए देश की सर्वोच्च अदालत ने बीजेपी की प्रवक्ता रही नूपुर शर्मा को शुक्रवार को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि उनके बयान ने पूरे देश में अशांति का माहौल बना दिया है. कोर्ट ने नूपुर शर्मा की टिप्पणियों को "तकलीफ़देह" बताया और कहा कि किसी पार्टी की प्रवक्ता होने का मतलब ये नहीं है कि उनके पास ऐसे बयान देने का लाइसेंस है. कोर्ट ने ये भी कहा कि जिस तरह से नूपुर शर्मा ने देश भर में भावनाओं को उकसाया, वैसे में देश में जो भी हो रहा है उसके लिए वो अकेली ज़िम्मेदार हैं. उन्हें पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए. बीते एक महीने से जिस तरह इस पूरे मामले ने तूल पकड़ा, देश के बाहर भी इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देखी गई और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी की है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसके बाद कुछ बदलेगा? इस मामले से जुड़े क़ानूनी और राजनीतिक सवालों का जवाब हमने सुप्रीम कोर्ट