कोरोना वायरस को लेकर शाहीन बाग़ ने क्या किया है?
चिंकी सिन्हा बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES शाहीन बाग़ में लकड़ी की चौकियों पर उन महिलाओं की जूतियां और चप्पलें रखी हुई हैं, जो शाहीन बाग़ के धरना स्थल से अपने घरों को लौट गई हैं. इन महिलाओं ने अपने घर जाने का फ़ैसला इसलिए किया क्योंकि सरकार ने कोरोना वायरस की वजह से फैली महामारी की रोकथाम के लिए 123 साल पुराने एक क़ानून को लागू कर दिया है. इस महामारी के चलते अब तक भारत में सात लोगों की मौत हो चुकी है. ये जूतियां-चप्पलें शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों की प्रतीकात्मक नुमाइंदगी कर रही हैं. घर वापस जाने से पहले इन महिलाओं ने कहा कि उनका धरना आगे भी जारी रहेगा. इमेज कॉपीरइट EMAD KAZI भले ही इसके लिए पांच-पांच महिलाओं को अलग-अलग पाली में बैठ कर ही धरना क्यों न देना पड़े. शनिवार की रात को शाहीन बाग़ में धरने पर बैठी महिलाओं ने तय किया था कि जनता कर्फ़्यू के दौरान भी वो धरना जारी रखेंगी. लेकिन, इस दौरान केवल पांच महिलाएं ही वहां मौजूद रह