क्या यूपी पुलिस ने हाथरस मामले को दबाने की कोशिश की थी? क्या कहती है सीबीआई की चार्जशीट
Advertisement देश Reported by अरविंद गुणशेखर , Edited by नवीन कुमार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद मामले को संभालने वाली सीबीआई ने कहा कि महिला का मौखिक बयान 14 सितंबर को चंदपा पुलिस स्टेशन आने पर लिखित में नहीं दिया दर्ज किया था. य Updated : December 21, 2020 23:56 IST नई दिल्ली: यूपी के हाथरस (Hathras case) में 20 साल की एक युवती से कथित गैंगरेप के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)ने पुलिस की चूक की एक सूची तैयार की है, इस केस ने देश को झकझोर कर रख दिया था. एजेंसी ने कम से कम चार बार पुलिस की चूक का उल्लेख किया है, जिसकी शुरुआत पुलिस द्वारा महिला के मौखिक बयान को नहीं लिखने से हुई, एजेंसी ने कहा कि पुलिस ने दो बार यौन उत्पीड़न के आरोपों को भी नजरअंदाज किया और कोई मेडिकल जांच नहीं की, जिसके कारण फॉरेंसिक सबूत नष्ट हो गए. चार्जशीट में, एजेंसी ने कहा कि यूपी पुलिस के अधिकारियों की गलती की भूमिका की जांच की जा रही है. दलित परिवार से आने वाली इस महिला ने दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था. महिला का आरोप था कि गांव के तथाकथित ऊंची जाति के 4 लड़कों ने उसके साथ मारपीट की