पटना: जलजमाव में शहर का वीआईपी इलाका क्यों नहीं डूबा?
नीरज प्रियदर्शी बीबीसी हिंदी के लिए, पटना से 4 अक्तूबर 2019 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES पिछले सात दिनों से पटना शहर का आधे से अधिक हिस्सा जलमग्न है. 72 घंटे में लगभग 300 मिलिमीटर बारिश हुई और पानी इतना भर गया कि लोग डूबने लगे, सड़कों पर नावें चलने लगी. लगातार हो रही बारिश तो थम गई मगर पानी अब तक नहीं निकला है. शहर की एक बड़ी आबादी अपनी ज़मीन छोड़ चुकी है. जिनके घर ऊंचे थे, वे ऊपर चढ़ गए हैं. जिनके घर नहीं थे वे डूबते-उतराते किसी तरह पलायन कर गए. जानवरों का कुछ नहीं था. बहुत से डूब गए. सड़ गए. अब पानी में उतरा रहे हैं. वैसे तो सरकार ने बाढ़ में डूबने के कारण फ़िलहाल किसी तरह की मानवीय क्षति की बात नहीं स्वीकारी है. मगर पानी जैसे-जैसे कम हो रहा है, शंकाएं गहरी होती जा रही हैं. बेउर, रामकृष्ण नगर, इंद्रपुरी, शिवपुरी, कंकड़बाग जैसे कई रिहायशी इलाकों में पानी छह से सात फीट तक भर गया था. null आपको ये भी रोचक लगेगा पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र