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Showing posts with the label क्यों दलितों और सवर्णों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है?

दलित युवकों की हुई पिटाई , वजह जान कर हो जाएंगे हैरान ।।

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  यहां ऊंची जाति के लोगों का बाल कटता है' कह कर बाल कटाने पहुंचे दलित युवकों की पिटाई इमरान क़ुरैशी बेंगलुरु से, बीबीसी हिंदी के लिए 11 जून 2021 इमेज स्रोत, HANUMANTHA इमेज कैप्शन, हनुमंता "उन्होंने हमसे कहा कि तुम चाहे जहां हो हम तुम्हें ज़िंदा जला देंगे. हम चाहे जहां रहें, हम चाहे जो करें, हम पर लगातार ख़तरा मंडराता रहता है. इसलिए हमने ख़ुदकुशी का फ़ैसला किया." बीते सोमवार को कर्नाटक के एक गांव में अपनी जान देने की कोशिश करने वाले हनुमंता बता रहे थे कि आखिर उन्होंने ख़ुदकुशी के बारे मे क्यों सोचा. 27 बरस के हनुमंता के साथ उनके 22 साल के भतीजे बसवा राजू ने भी आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन दोनों की जान बच गई. पुलिस के मुताबिक जिस विवाद को लेकर उन्होंने जान देने की कोशिश की, उसकी शुरुआत बाल कटवाने को लेकर हुई थी. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है. यह घटना कर्नाटक के कोप्पल ज़िले के होसाहल्ली गांव की है. उस दिन रविवार था. सबसे पहले बाल काटने वाले व्यक्ति ने उन्हें पूछा, "तुम यहां क्यों आए हो? हम सिर्फ़ लिंगायात (ऊंची और दबंग माने जाने वाली जाति) के

कर्नाटकः दलितों के लिए अलग नाई की दुकानों की बात कहां से आई?

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  इमरान क़ुरैशी बेंगलुरु से, बीबीसी हिंदी के लिए 2 दिसंबर 2020 इमेज स्रोत, SARAH MORGAN इमेज कैप्शन, सांकेतिक तस्वीर ऐसे वक़्त में जब सरकार कुछ सरकारी कम्पनियों से ख़ुद को अलग करने के रास्ते खोज रही है, तब मीडिया में एक ख़बर को लेकर काफ़ी चर्चा हो रही है. ख़बर ये है कि कर्नाटक के सामाजिक कल्याण विभाग ने हेयरकटिंग यानी नाई की दुकानें खोलने का प्रस्ताव रखा है क्योंकि स्थानीय इलाक़ों में ख़ुद को ऊँची जाति का मानने वाले या दबंग समुदाय के लोग उस दुकान में बाल कटवाने नहीं जाना चाहते जहां दलित जाते हैं. दरअसल, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति क़ानून की विजिलेंस और मॉनिटरिंग कमिटी के सामने ये प्रस्ताव आया था. ख़ुद मुख्यमंत्री इस कमिटी के अध्यक्ष होते हैं. प्रस्ताव में लिखा था, "कई गाँवों में दुकानदार दलितों के बाल काटने से मना करते हैं, ऐसे में अत्याचार के केस दर्ज हो रहे हैं. इसलिए, सही रहेगा कि सभी ग्राम पंचायतों में नाई की दुकान खोली जाए जिसे स्थानीय इकाई चलाए. इसके लिए सामाजिक कल्याण विभाग ज़रूरी आर्थिक मदद मुहैय्या करा सकता है." दलित नेता और विधायक एन महेश ने बीबीसी से कहा, "इ