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चीन से पीछा छुड़ाना असंभव' व्यापार इमेज स्रोत,VCG कई विशेषज्ञ कहते हैं कि फ़िलहाल चीन से पीछा छुड़ाना असंभव है और चीन पर भारत की निर्भरता अगले कई सालों तक बनी रहेगी. लेकिन डॉक्टर फ़ैसल अहमद कहते हैं कि इस मुद्दे को किसी टाइम फ़्रेम में नहीं देखना चाहिए. वो कहते हैं, "मुझे लगता है कि आत्मनिर्भरता एक सतत प्रक्रिया है, इसकी कोई समयसीमा नहीं हो सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर हम एक प्रमुख निर्यातक बनने का इरादा रखते हैं, तो हमें एक बड़ा आयातक देश भी बनना पड़ेगा."

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  चीन और भारत में सीमा पर तनाव लेकिन बढ़ता रहा व्यापार, मगर कैसे? ज़ुबैर अहमद बीबीसी संवाददाता इमेज स्रोत, YURCHELLO108 भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर हुई झड़प और इससे पैदा हुए गंभीर तनाव के बावजूद साल 2020 में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा. पिछले वित्तीय वर्ष में भी चीन भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था. पिछले साल दूसरे स्थान पर अमेरिका और तीसरे पर संयुक्त अरब अमीरात था. भारत ने चीन से 58.7 अरब डॉलर का सामान आयात किया, जो अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात से आयात किए गए सामानों को मिलाकर भी ज़्यादा था, जबकि भारत ने चीन को 19 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया. चीन ने तनाव के बीच कहा- ब्रिक्स की मेज़बानी में हम भारत के साथ चीन की कंपनियों के निवेश को लेकर भारत ने दी सफ़ाई विज्ञापन गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की मृत्यु के बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल हो गया था. चीन ने कुछ दिनों पहले ये माना है कि उसके भी चार सैनिक मारे गए थे. हालाँकि भारत का दावा है कि इसमें चीन के और ज़्यादा सैनिक हताहत हुए थे. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें

कोरोना वायरस: चीन से भारत को क्यों नहीं मिले रैपिड किट, बढ़ी चिंता- प्रेस रिव्यू

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इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES भारत में कोरोनावायरस के मामले 10363 कुल मामले 1036 जो स्वस्थ हुए 339 मौतें स्रोतः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय 11: 5 IST को अपडेट किया गया भारत कोरोना वायरस के संक्रमण की लड़ाई में उपकरणों की कमी से जूझ रहा है. रैपिड टेस्टिंग किट पाँच अप्रैल को आना था. बाद में यह तारीख़ पाँच दिन और बढ़ी और अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर 15 अप्रैल को आने की बात कर रहा है. हिन्दुस्तान टाइम्स  ने इस रिपोर्ट को पहले पन्ने पर छापा है. अपनी रिपोर्ट में अख़बार ने लिखा है कि यह किट अगले फेज में कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने में अहम हथियार है लेकिन इसके आने में देरी हो रही है. अगले फेज की रणनीति में टेस्टिंग की संख्या बढ़ानी है. रैपिड टेस्ट किट या आरटीके के ज़रिए ब्लड टेस्ट कर एंटिबॉडिज का पता लगाया जाता है. इसी से पता चलता है कि वो व्यक्ति संक्रमित है या नहीं. इससे तेज़ी से जाँच ह