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Khoon mein koi Farq nahi Bas Rajniti ne Banta Hai

मथुरा के मंदिर में नमाज़ पढ़ने पर गिरफ़्तार होने वाले फ़ैसल ख़ान कौन हैं

जब हमारी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में मिलने वाले लोग "हिन्दू" या "मुसलमान" नहीं होते तो फिर क्या वजह है कि "चुनाव" आते ही हम "हिन्दू" या "मुसलमान" हो जाते हैं ?