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कोरोना वायरस के लक्षण क्या हैं और कैसे कर सकते हैं बचाव, बच्चों में दिखे ये लक्षण तो सचेत हो जाएं

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जेम्स गैलहर स्वास्थ्य और विज्ञान संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   इस पोस्ट को शेयर करें Twitter   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट QUEEN'S UNIVERISTY BELFAST ब्रिटिश रिसर्चरों ने दावा किया है कि बच्चों में दस्त, उल्टी और पेट में ऐंठन- कोरोना वायरस के लक्षण हो सकते हैं. क्वींस यूनिवर्सिटी बेलफास्ट ने बच्चों पर अध्ययन कर रहा है और उसके मुताबिक जिन लक्षणों पर नज़र रखी जा रही है, उसमें इसे भी जोड़े जाने की ज़रूरत है. मौजूदा समय में कोरोना वायरस के तीन ही आधिकारिक लक्षण हैं- बुख़ार, खांसी और स्वाद या गंध की पहचान का जाना. इसमें से कोई भी लक्षण होने पर व्यक्ति को आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है और उनका टेस्ट कराया जाता है. विज्ञापन लेकिन बच्चों को लेकर ब्रिटिश रिसर्चरों के इस अध्ययन से लग रहा है कि इस सूची में बढ़ोत्तरी हो सकती है. इस अध्ययन में करीब एक हज़ार बच्चों को शामिल किया गया. मेडरेक्सि में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक 992 बच्चों में 68 के शरीर में वायरस के एंटीबॉडीज देखन

पता करें कि चेहरा छूने की ज़रूरत कब होती है? बिहेवियरल साइंस विशेषज्ञ इस बात की सलाह भी देते हैं कि हमें ये पता करना चाहिए कि हम अपने चेहरों को क्यों छूते हैं. हॉलस्वर्थ इसे समझाते हुए कहते हैं, "अगर हम उन स्थितियों को पहचान जाएं जब हमें चेहरा छूने की ज़रूरत महसूस होती है तो हम ऐसे मौक़ों पर ज़रूरी क़दम उठा सकते हैं. जो लोग अपनी आंखों को छूते हैं, वे धूप का चश्मा पहन सकते हैं, या जब लगे कि अब वे चेहरा छूने जा रहे हैं तो हाथों को दबाया जा सकता है. उदाहरण के लिए, हम अपने हाथों को व्यस्त रखने के तरीक़ों का सहारा ले सकते हैं. इसमें मुलायम गेंदों जैसे खिलौनों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनसे हाथ व्यस्त रहते हैं. लेकिन आपको उन्हें अक्सर कीटाणुरहित करना पड़ सकता है. इसके साथ-साथ आप ख़ुद को याद दिलाने के लिए नोट भी बना सकते हैं. हॉलस्वर्थ मानते हैं, "अगर कोई जानता है कि उनकी एक आदत ऐसी है जिसे वे चाहकर भी नहीं रोक पाते हैं तो वे अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को ऐसा करने पर टोकने के लिए कह सकते हैं." दस्ताने कैसे विकल्प हैं? लेकिन एक सवाल ये उठता है कि क्या ख़ुद को याद दिलाने के लिए दस्ताने पहने जाने चाहिए? इसका आसान जवाब है कि ये एक ग़लत तरीक़ा है, जब तक कि दस्तानों को बार-बार साफ़ करके कीटाणुमुक्त ना किया जाए, नहीं तो वे भी हानिकारिक बन जाएंगे.

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कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क पहनना क्यों ज़रूरी है? फ़र्नान्डो दुआरते बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES इंसानों को जानवरों से अलग करने वाली चीज़ों में एक चीज़ ये भी है कि बीमारियों के फैलने की स्थिति में इंसान अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित रहते हैं. इंसान सिर्फ़ एक ऐसी जाति है जो कि बिना जाने अपने हाथों से चेहरे छूने के लिए जानी जाती है. ये चीज़ नये कोरोनावायरस (कोविड-19) जैसी बीमारियों को फैलने में मदद करती है. लेकिन हम ये क्यों करते हैं और क्या हम अपनी इस आदत को रोक सकते हैं. ' चेहरा छूने की आदत ' null और ये भी पढ़ें क्या महिलाओं और बच्चों को कोरोना वायरस का ख़तरा कम है कोरोना वायरस: दिल्ली में सामने आया एक और मामला कोरोना वायरस को लेकर भारतीय ज़रूर जानें ये नौ बातें कोरोना वायरसः इंफ़ेक्शन से बचने के लिए क्या करें, क्या न करें null. हम सब दिन में कई बार अपना चेहरा छूते हैं. साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया