किसान नेताओं के दिमाग़ में सरकार के प्रस्ताव को लेकर क्या चल रहा है?
दिलनवाज़ पाशा बीबीसी संवाददाता, दिल्ली इमेज स्रोत, SOPA IMAGES केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों को निलंबित करने के प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने गुरुवार को दो लंबी बैठकें की. कुछ किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने की राय भी बैठक में ज़ाहिर की. लेकिन अंत में किसान नेताओं ने तीनों कृषि क़ानूनों के रद्द होने और एमएसपी पर क़ानूनी गारंटी मिलने तक प्रदर्शन जारी रखने का फ़ैसला किया. बैठक के दौरान सरकार की मंशा, आंदोलन की आगे की रणनीति और 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की तैयारियों को लेकर बात हुई. बैठक में शामिल एक किसान नेता के मुताबिक़ कम से कम 10 किसान नेताओं ने सरकार की तरफ़ से कृषि क़ानूनों को डेढ़ साल के लिए निलंबित करने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने और रुख़ नरम करने की बात कही. लेकिन अधिकतर किसान नेता अपनी तीनों क़ानूनों को रद्द करने और एमएसपी का क़ानूनी अधिकार लेने की बात पर सहमत हुए और अपने रुख़ पर अड़े रहने का फ़ैसला किया. शुक्रवार को सरकार के साथ होने वाली बातचीत से पहले किसानों की तरफ़ से एक बार फिर सख़्त रुख़ अख़्तियार किया गया है. छोड़कर और ये भी पढ़ें आग