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अमेरिका कैपिटल में ट्रंप समर्थकों के दंगों की पूरी कहानी

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  इमेज स्रोत, REUTERS राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की भीड़ ने बुधवार की दोपहर वॉशिंगटन के कैपिटल हिल इलाक़े पर धावा बोला और यह भीड़ वहाँ मौजूद पुलिस से भिड़ गई. ज़ाहिर तौर पर यह भीड़ इस संभावना से प्रेरित थी कि 'वो अमेरिकी कांग्रेस की कार्यवाही को रोक देगी' ताकि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को 2020 के चुनाव में जीत का सर्टिफ़िकेट ना मिल सके. इमेज स्रोत, REUTERS शुरू से एक बार नज़र डालते हैं कि अब तक क्या-क्या हुआ: यह हमला तब हुआ जब राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने समर्थकों को कैपिटल पर चढ़ाई कर, नवंबर 2020 के चुनावी नतीजे पलट देने का आह्वान किया. भीड़ सीनेट कक्ष तक पहुँचने में सफल रही जहाँ कुछ ही मिनट पहले चुनाव परिणाम प्रमाणित किये गए थे. भीड़ से निकलकर एक शख़्स मंच तक भी जा पहुँचा, जिसने एक रिपोर्टर के अनुसार, चिल्लाकर कहा, "वो चुनाव डोनाल्ड ट्रंप ने जीता था." आधिकारिक रूप से यूएस कैपिटल हिंसा में चार लोगों की मौत हुई. इनमें से एक 'ट्रंप-समर्थक' महिला को पुलिस ने मौक़े पर ही गोली मार दी थी, जिसकी मौत अस्पताल ले जाते समय हुई. पुलिस का कहना है कि बाकी तीन

जो बाइडन: बराक ओबामा के साथी से राष्ट्रपति के पद तक

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  BBC News , हिंदी सामग्री को स्किप करें सेक्शन होम पेज कोरोनावायरस भारत विदेश मनोरंजन खेल विज्ञान-टेक्नॉलॉजी सोशल वीडियो बीबीसी स्पेशल विज्ञापन 7 नवंबर 2020, 22:56 IST इमेज स्रोत, GETTY IMAGES अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में जीत दर्ज करने वाले जो बाइडन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के दोनों कार्यकाल में उप-राष्ट्रपति रह चुके हैं. 77 साल के जो बाइडन अब से पहले राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दौड़ में भी दो बार और शामिल हो चुके हैं. पहली बार 1988 और दूसरी बार 2008 में. पहली बार 1988 में उन्होंने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ से ख़ुद को ये कहते हुए बाहर कर लिया था कि उन्होंने ब्रिटिश लेबर पार्टी के नेता नील किनॉक के भाषण की नकल की थी. दरअसल, जब 1987 में बाइडन ने राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी बनने के लिए पहली बार कोशिश करनी शुरू की थी, तो उन्होंने रैलियों में दावा करना शुरू कर दिया था कि, "मेरे पुरखे उत्तरी पश्चिमी पेंसिल्वेनिया में स्थित कोयले की खानों में काम करते थे." बाइडन ने भाषण में ये कहना शुरू कर दिया था कि उनके पुरखों को ज़िंदगी में आगे बढ़ने के वो मौक़े नहीं मिले जि