कथित आंदोलनकर्मियों की सबसे पहली शर्त है कि "आंदोलनकारियों" पर कोई मुक़द्दमा दर्ज ना हो, क्या सरकार इस मुद्दे पर राज़ी है...?


  #सिमरन प्रजापति के फेसबुक वॉल से साभार

जिस तरह से भाजपा सरकार हरियाणा में जाटों की गुंडागर्दी के आगे झुकी है,

क्या ये एक सरकार और लोकतंत्र के लिहाज़ से सही है...?

क्या अपनी नाजायज माँगें मंगवाने के लिए हिंसा पर उतारू होना ठीक है...?

क्या गणतंत्र में ताक़तवर को ज़ुल्म करने का स्वत: अधिकार प्राप्त है...?

क्या ये सरकार की कमज़ोरी, अदूरदर्शिता और नाकामी नहीं...?

कथित आंदोलनकर्मियों की सबसे पहली शर्त है कि "आंदोलनकारियों" पर कोई मुक़द्दमा दर्ज ना हो, क्या सरकार इस मुद्दे पर राज़ी है...?

जिनका इस कथित "आंदोलन" में व्यक्तिगत नुकसान हुआ, उनका क्या कसूर था और क्या सरकार को इसकी क्षतिपूर्ति नहीं करनी चाहिए...?

कथित जाट समितियों से उनके आंदोलन का हर्ज़ाना नहीं वसूला जाना चाहिए...?

सवाल बहुत हैं,

पर सरकार के निकम्मे प्रतिनिधि इतना ही समझा दें तो भी बहुत है...!!

Sachin Singlala

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