मैंगलोर में विस्फ़ोटक रखने वाला क्या RSS कार्यकर्ता है? फ़ैक्ट चेक



वायरलइमेज कॉपीरइटSM VIRAL IMAGE

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक राज्य के मैंगलोर हवाई अड्डे में कथित तौर पर विस्फ़ोटक रखने के आरोप में गिरफ़्तार हुए व्यक्ति का संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है.
इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर एक तस्वीर भी शेयर की जा रही है जिसमें आरएसएस की यूनिफ़ॉर्म पहने दो लोग नज़र आते हैं.
बहुत से लोग इस तस्वीर पर टिप्पणी कर रहे हैं कि अभियुक्त हिंदू है इसीलिए इस व्यक्ति को 'आतंकवादी' नहीं कहा जा रहा है.
इस गिरफ़्तारी से जुड़ी पोस्ट में ये भी लिखा जा रहा है कि अगर ये व्यक्ति मुस्लिम होता तो ये चरमपंथी क़रार दिया जाता लेकिन ये हिंदू है इसलिए ऐसा नहीं होगा.


बीबीसीइमेज कॉपीरइटSM VIRAL POST
बीबीसी
बीबीसीइमेज कॉपीरइटSM VIRAL POST

दरअसल 20 जनवरी को कर्नाटक के मैंगलोर हवाई अड्डे पर लावारिस बैग मिला था जिसमें कथित तौर पर विस्फ़ोटक थे.
इस सिलसिले में बेंगलुरु में एक व्यक्ति ने समर्पण किया था जिसका नाम आदित्य राव बताया गया है.
बीबीसी ने इस ख़बर की पड़ताल के लिए मैंगलोर पुलिस से संपर्क किया.
मैंगलोर के पुलिस कमिश्नर पी एस हर्षा ने बीबीसी से कहा कि हमारी शुरुआती छानबीन में पता चला है कि आदित्य राव राष्ट्री स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए नहीं हैं.
उन्होंने आदित्य राव के साथ शुरुआती पूछताछ में सामने आई कहानी बताई.
उन्होंने कहा कि आदित्य राव नाम के इस शख़्स ने बेंगलुरु में पुलिस के सामने समर्पण किया था.
हालांकि पुलिस के मुताबिक इस मामले में गैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत आरोप लगाए हैं.
पी एस हर्षा ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इस शख़्स ने सम्मानित कॉलेजों से मिकेनिकल इंजीनियरिंग और एमबीए की पढ़ाई की है. उसने दावा किया है कि उसने कई बैन्कों और कंपनियों में काम किया है.


पुलिसइमेज कॉपीरइटTWITTER

उन्होंने ये भी बताया कि आदित्य राव का दावा है कि वो आदित्य को अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिल रही थी. उन्होंने सुरक्षा गार्ड जैसे पदों पर भी काम किया है. उन्होंने मैंगलोर एयरपोर्ट पर एक नौकरी के लिए अर्जी दी थी. उन्हें कानूनी तौर पर जायज़ कागज़ात लाने के लिए कहा गया लेकिन जब वो अपने घर से मैंगलोर लौटे तो वो नौकरी किसी और को दे दी गई थी.
पुलिस के मुताबिक वो इस बात से नाराज़ थे इसलिए एयरपोर्ट अधिकारियों को परेशान करने की सोची और उन्हें धमकी भरे फ़ोन किए. इससे पहले भी उन्हें बेंगलुरु के सेन्ट्रल रेलवे स्टेशन में धमकी भरे फ़ोन कॉल करने के आरोप में 11 महीने की जेल की सज़ा हो चुकी है और 2019 में वो जेल से बाहर आये थे.
पुलिस का कहना है कि उन्होंने ई-रिटेलर्स से छोटे-छोटे पार्ट्स खरीदे और डिवाइस बनाया. आदित्य राव ने 20 जनवरी की सुबह को मैंगलोर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर डिवाइस छोड़ा और ऑटो रिक्शा में वहां से चले गये.
इतना ही नहीं, जिस शख़्स की तस्वीर पोस्ट कर दावा किया जा रहा है कि आरएसएस के इस कार्यकर्ता की गिरफ़्तारी की गई है, उनका नाम संदीप लोबो है.


बीबीसीइमेज कॉपीरइटFACEBOOK/BJP

बीजेपी दक्षिण कन्नडा नाम के फेसबुक पेज पर पोस्ट में साफ़ किया गया है कि संदीप लोबो ने पुलिस में शिकायत दर्ज की है कि उनकी तस्वीर ग़लत तरीके से मैंगलोर हवाई अड्डे पर विस्फ़ोटक रखने के मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट की जा रही है. उनकी तस्वीर को ग़लत तरीके से पेश किया जा रहा है.
मैंगलोर पुलिस ने बताया कि उन्होंने मानहानि का केस दर्ज कराया है और वो आरएसएस से जुड़े हुए हैं.

क्या है पूरा मामला?

मैंगलोर एयरपोर्ट पर 20 जनवरी को कथित तौर पर एक लावारिस बैग मिला था जिसमें विस्फ़ोट के अंश मिले थे.


बीबीसीइमेज कॉपीरइटTWITTER

20 जनवरी को सीआईएसएफ़ के डीआईजी अनिल पांडे ने कहा था कि हमें मैंगलोर हवाई अड्डे के टिकट काउन्टर के पास लावारिस बैग में से विस्फ़ोटक (आईईडी) के निशान मिले हैं.
एएनआई के मुताबिक पुलिस ने साफ़ किया था कि सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध को देखा गया है.
हालांकि 23 जनवरी को मैंगलोर पुलिस ने आदित्य राव के समर्पण के बारे में जानकारी दी.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Comments

Popular posts from this blog

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

Department of Education Directory