हिंदू मंदिर पर हुए हमले के बहाने पाकिस्तान ने भारत पर किया तंज़: पाकिस्तान उर्दू प्रेस रिव्यू
- इक़बाल अहमद
- बीबीसी संवाददाता
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहीम यार ख़ान ज़िले के भोंग शरीफ़ इलाक़े में बुधवार को नाराज़ लोगों ने एक मंदिर पर हमला किया और तोड़-फोड़ की.
प्रधानमंत्री इमरान ख़ान, राष्ट्रपति आरिफ़ अलवी और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गुलज़ार अहमद ने फ़ौरन इसका संज्ञान लिया और सख़्त कार्रवाई के आदेश दिए थे.
अब पाकिस्तान के केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री फ़व्वाद चौधरी ने इस मामले में भारत पर निशाना साधा है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे में मौजूद दोनों रंग सफ़ेद और हरे का सम्मान करना सरकार की ज़िम्मेदारी है.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार इसी बहाने भारत पर हमला करते हुए फ़व्वाद चौधरी ने कहा, "पाकिस्तान हिंदुस्तान नहीं है. यहां कोई फ़ासीवादी विचारधारा शासन नहीं कर सकती है. हमारे लिए सफ़ेद रंग भी उतना ही अहम है जितना कि हरा रंग."
चौधरी ने आगे कहा, "पाकिस्तान के झंडे में मौजूद सफ़ेद रंग पाकिस्तान में बसने वाले अल्पसंख्यकों के अधिकारों का प्रतिनिधित्व करता है. पाकिस्तान का भविष्य एक ऐसे प्रगतिशील देश का है, जहां अल्पसंख्यक पूरी तरह सुरक्षित हों."
अफ़ग़ानिस्तान अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को गुमराह कर रहा है: पाकिस्तान
अफ़ग़ानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक में अफ़ग़ानिस्तान के बयान को पाकिस्तान ने ख़ारिज कर दिया है.
पाकिस्तान का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत पाकिस्तान के हवाले से दुनिया को गुमराह कर रहे हैं.
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफ़ीज़ चौधरी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्लेटफ़ॉर्म पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बयान देने के लिए इस्तेमाल होने दिया गया. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा परिषद की बैठक में अफ़ग़ानिस्तान के दूत के गुमराह करने वाले प्रोपगैंडा और बेबुनियाद आरोपों को पाकिस्तान सख़्ती से ख़ारिज करता है.
पाकिस्तानी प्रवक्ता हफ़ीज़ चौधरी ने कहा कि वो अफ़ग़ानिस्तान की सरकार पर ज़ोर देते हैं कि वो आरोप लगाना छोड़ कर पाकिस्तान के साथ सार्थक बातचीत की तरफ़ आएं.
'भारत-अफ़ग़ानिस्तान मक़सद हासिल करने में रहे नाकाम'
अख़बार जंग के अनुसार पाकिस्तान का कहना है कि सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक में भारत और अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपने मक़सद को हासिल करने में नाकाम रहे हैं.
भारत अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है और अफ़ग़ानिस्तान के अनुरोध पर भारत ने सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई थी.
पाकिस्तान का कहना है कि सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान ना ही कोई प्रस्ताव पारित किया गया और ना ही बैठक ख़त्म होने के बाद कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया.
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संयुक्त राष्ट्र में अफ़ग़ानिस्तान के दूत ग़ुलाम मोहम्मद इसकाज़ाई ने कहा कि पाकिस्तान अब भी तालिबान और दूसरे दहशतगर्दों की पनाहगाह बना हुआ है. अफ़ग़ानिस्तान के दूत ने कहा कि कई हज़ार विदेशी दहशतगर्द तालिबान के समर्थन में अफ़ग़ानिस्तान के अंदर दाख़िल हो चुके है.
इस बीच ख़बर है कि तालिबान ने पिछले दो दिनों में दो प्रांत की राजधानियों पर क़ब्ज़ा कर लिया है.
अख़बार जंग के अनुसार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने पेशावर स्थित कोर हेडक्वार्टर्स का दौरा किया जहां इमरान ख़ान को अफ़ग़ानिस्तान की ताज़ा स्थिति के बारे में ब्रीफ़ किया गया.
जाने माने पत्रकार हामिद मीर के भाई गिरफ़्तार, फिर ज़मानत पर रिहा
अख़बार डॉन के अनुसार पाकिस्तान की केंद्रीय जाँच एजेंसी एफ़आईए की साइबर क्राइम विंग ने शनिवार को पत्रकार आमिर मीर और इमरान शफ़क़त को गिरफ़्तार कर लिया और फिर उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया.
आमिर मीर, पाकिस्तान के जाने माने पत्रकार हामिद मीर के भाई हैं.
इन दोनों पत्रकारों पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रोग्राम के ज़रिए सेना, अदालत और महिलाओं का मज़ाक़ उड़ाया है.
अख़बार के अनुसार एफ़आईए ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया है और कई घंटे तक हिरासत में रखने के बाद उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया.
जाँच एजेंसी का कहना है कि इन दोनों ने अपने यूट्यूब चैनल पर ऐसे प्रोग्राम दिखाएं हैं जिनके ज़रिए राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संस्थाओं पर आम जनता के विश्वास को कम करने की कोशिश की गई है. लेकिन लाहौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरशद अंसारी का कहना है कि यह विचारों की अभिव्यक्ति के अधिकार को दबाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि पत्रकार किसी भी हालत में अपने बोलने के अधिकार पर समझौता नहीं करेंगे.
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ओआईसी कमिशन ने पाक प्रशासित कश्मीर का दौरा किया, भारत ने नहीं दी इजाज़त
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार इस्लामी देशों के संगठन ओआईसी का मानवाधिकार आयोग भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दोनों हिस्सों का दौरा करना चाहता था.
अख़बार कहता है कि ओआईसी के मानवाधिकार आयोग ने शुक्रवार को पाक प्रशासित कश्मीर की राजधानी मुज़फ़्फ़राबाद पर एलओसी का दौरा किया.
पाकिस्तानी सेना ने उन्हें एलओसी पर भारत की तरफ़ की जाने वाली फ़ायरिंग और उनसे होने वाली मौतों के बारे में जानकारी दी. भारत ने ओआईसी के दल को श्रीनगर जाने की इजाज़त नहीं दी.
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