अमरीका ने एंटी-सैटेलाइट परीक्षण पर भारत को किया आगाह
भारत के एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण के बाद अमरीका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शानाहान ने अंतरिक्ष में कचरा बढ़ने को लेकर आगाह किया है.
पैट्रिक का कहना है कि इस तरह के परीक्षण से अंतरिक्ष में 'कचरा' पैदा होता है. बुधवार को भारत ने अपने ही उपग्रह को मार गिराया था.
पैट्रिक का कहना है कि अमरीका इस बात का अध्ययन कर रहा है, जिसमें भारत ने कहा है कि उसने अंतरिक्ष में कचरा नहीं छोड़ा है.
अमरीका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश है जिसने इस तरह का परीक्षण किया है.
चीन ने साल 2007 में एंटी सैटेलाइट मिसाइल का परीक्षण किया था, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी काफ़ी आलोचना हुई थी.
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अमरीका निगरानी कर रहा है
भारत के परीक्षण के बाद पैट्रिक ने संवाददाताओं से कहा, "हमारा मानना है कि हम सभी अंतरिक्ष में रहते हैं और इसमें कचरा नहीं फैलाना चाहिए. अंतरिक्ष एक जैसी जगह होनी चाहिए जहां हम व्यापार कर सकें. अंतरिक्ष एक जैसी जगह हो जहां लोगों को काम करने की स्वतंत्रता हो."
इस तरह के परीक्षण से अंतरिक्ष में कचरा बढ़ता है जो नागरिक और सैन्य उपग्रहों को नुक़सान पहुंचा सकता है.
हालांकि भारत का कहना है कि उसने जानबूझकर 'मिशन शक्ति' का परीक्षण कम ऊंचाई पर किया है ताकि कचरा अंतरिक्ष में ना रहे और तत्काल पृथ्वी पर गिर जाए.
कुछ विशेषज्ञों ने भारत के इस दावे पर संदेह जताया है. उनका कहना है कि मलबे को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है और वो किस ओर जाएगा, यह कहना मुश्किल है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमरीकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि अमरीकी सेना भारत के इस परीक्षण से उत्पन्न मलबे के 250 टुकड़ों की निगरानी कर रही है.
अमरीका ने यह परीक्षण के 1959 में ही किया था.
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नासा ने भी जारी की चेतावनी
चीन ने यह पीरक्षण 2007 में किया था. उसने इस परीक्षण में एक पुराने मौसम उपग्रह को 865 किलोमीटर की ऊंचाई पर मार गिराया था. चीन के इस परीक्षण से अंतरिक्ष में बड़े पैमाने पर कचरा पैदा हुआ था. नासा ने भारत के परीक्षण से भी कचरा बढ़ने की चेतावनी दी है.
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख जिम ब्रिडेंस्टाइन ने बुधवार को कांग्रेस से कहा, ''कुछ लोग एंटी-सैटलाइट परीक्षण जानबूझकर करते हैं और अंतरिक्ष में कचरा फैलाते हैं. हम इस समस्या से पहले से ही जूझ रहे हैं.''
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ऐलान किया कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया की चौथी महाशक्ति बन गया है.
हथियारों पर नियंत्रण की वकालत करने वाले लोगों ने अंतरिक्ष में बढ़ते सैन्यीकरण पर चिंता जाहिर की है.
हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय ने परीक्षण को शांतिपूर्ण बताया है और कहा है कि इसका "अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है."
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