संयुक्त राष्ट्र महासभा में कब होगा नरेंद्र मोदी और इमरान ख़ान का भाषण
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान शुक्रवार रात न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे.
भारतीय प्रधानमंत्री का इस बार यह संयुक्त राष्ट्र में दूसरा संबोधन होगा. इससे पहले उन्होंने जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को संबोधित किया था.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 74वें अधिवेशन की कार्यवाही भारतीय समय के अनुसार शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे शुरू होगी.
सबसे पहले मॉरिशस के राष्ट्रपति पिल्लै व्यापूरी संबोधित करेंगे और फिर अन्य सदस्य देशों के नेताओं के भाषण होंगे.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथे और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान सातवें नंबर पर भाषण देंगे. अनुमान है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन का समय रात आठ-नौ बजे की बीच रह सकता है.
इसके बाद नॉर्वे और सिंगापुर के प्रधानमंत्रियों के भाषण होंगे, उसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की बारी आएगी.
इस तरह से देखें तो नरेंद्र मोदी के भाषण के एक घंटे के बाद इमरान ख़ान का संबोधन हो सकता है.
क्या बातें होंगी?
नरेंद्र मोदी और इमरान ख़ान भाषण पर दोनों देशों के अलावा दूसरे देशों के विश्लेषकों की भी निगाहें टिकी हुई हैं. पिछले कुछ महीने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है.
भारत ने इस पांच अगस्त को अपने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी करते हुए जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया था और कश्मीर घाटी में कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं.
पाकिस्तान इसे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों व मानवाधिकार का उल्लंघन बता रहा है जबकि भारत इसे अपना आंतरिक मामला बता रहा है.
इस मुद्दे को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाने की बात करते रहे हैं. ऐसे में आज के उनके भाषण में भी यही विषय प्रमुख रह सकता है.
उधर, भारत की ओर से पाकिस्तान को चरमपंथ को लेकर घेरने की कोशिश हो सकती है.
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कश्मीर पर भी हो सकती है बात
ऑल इंडिया रेडियो के अनुसार, भारत के प्रधानमंत्री अपने संबोधन में ग़रीबी हटाने, सुलभ स्वास्थ्य देखभाल तथा आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अपनी सरकार के प्रमुख उपायों की चर्चा कर सकते हैं.
एआईआर की ख़बर के मुताबिक़, "विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री के संबोधन में पाकिस्तान से चलाए जा रहे आतंकवाद के अलावा वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से निपटने की एकजुट कार्रवाई का विशेष रूप से उल्लेख होगा.
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्री के भाषणों में कश्मीर का ज़िक्र होगा और दोनों अपना पक्ष रखने की कोशिश करेंगे.
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