शाहीन बाग़ः प्रदर्शन ख़त्म करने के एलान के बाद भी धरना जारी
दिल्ली के शाहीन बाग़ इलाक़े में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में जारी धरना करनेवाले प्रदर्शकारियों के एक गुट ने अपना प्रदर्शन ख़त्म करने का फ़ैसला किया है.
हालाँकि शाहीन बाग़ में मौजूद बीबीसी संवाददाता चिंकी सिन्हा के मुताबिक़ इस फ़ैसले के बावजूद वहाँ धरना ख़त्म नहीं हुआ है और प्रदर्शकारियों का कहना है कि उनके प्रदर्शन को ख़त्म करने के लिए अफ़वाह फैलाने की कोशिश की जा रही है.
इस प्रदर्शन के एक मुख्य आयोजक शर्जील इमाम ने फ़ेसबुक पर एक बयान जारी कर लिखा है कि उन्होंने गुरुवार को दिल्ली से नोएडा को जोड़नेवाली एक मुख्य सड़क पर जारी धरने को ख़त्म करने का फ़ैसला किया है.
उन्होंने बताया कि ये फ़ैसला इस आंदोलन को राजनीतिक पार्टियों के हाथों में जाने से बचाने के लिए किया गया.
उन्होंने पोस्ट में लिखा है, " हमलोगों ने आज शाहीनबाग़ रोड के चक्का जाम को राजनीतिक पार्टीयों के गुंडों द्वारा हिंसा की आशंका और आंदोलन के राजनीतिकरण से बचने के लिए वापस ले लिया है."
शर्जील ने आगे लिखा है कि वे अब इस आंदोलन को दूसरे चरण में ले जा रहे हैं, और हमारी कोशिश हॉन्ग कांग के तर्ज़ पर फ़्लैश मॉब करने और अन्य शहरों में फैलाने की है.
शाहीन बाग़ में मौजूद बीबीसी संवाददाता चिंकी सिन्हा ने बताया है कि पिछले तीन सप्ताह से रात भर प्रदर्शन करने वाली कई महिलाएँ अभी भी डटी हुई हैं.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की एक छात्रा की माँ हिना अहमद ने बीबीसी संवाददाता को बताया कि उन्होंने प्रदर्शन ख़त्म होने की अफ़वाहों को सुनने के बाद शाम को प्रदर्शन की तस्वीरें पोस्ट कीं.
हिना अहमद की बेटी को जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में पुलिस की कार्रवाई के दौरान चोट लग गई थी जिसके बाद से वो लगातार प्रदर्शन के लिए आ रही हैं.
चक्का जाम से खींचा ध्यान
शाहीन बाग़ में धरना 15 दिसंबर को शुरु हुआ जब इस इलाक़े के लगभग 50 निवासियों ने सड़कों पर उतरकर चक्का जाम कर दिया.
इसके बाद से लगातार अलग-अलग तबक़े के लोग इस धरने से जुड़ते गए और इसकी चर्चा ज़ोर पकड़ने लगी.
धरने की वजह से 13A नाम के इस रास्ते पर यातायात लगभग बंद हो गया और दिल्ली ट्रैफ़िक पुलिस को वाहनों को दूसरे रास्तों पर मोड़ना पड़ा जिससे दक्षिण दिल्ली के कई इलाक़ों में ट्रैफ़िक जाम की स्थिति बन गई.
नए साल पर शाहीन बाग़ में बड़ी संख्या में शहर के दूसरे हिस्सों से भी लोग जुटे और वहाँ प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रगान गाकर नए साल का स्वागत किया.
वहाँ योगेंद्र यादव, हर्ष मांदर, स्वरा भास्कर, मोहम्मद ज़ीशान अयूब, स्वामी अग्निवेश जैसे राजनीति, समाजसेवा और कला क्षेत्र की नामी हस्तियों ने भी आकर आंदोलनकारियों का समर्थन किया है.
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