चीन ने कहा, कश्मीर समस्या पर संयुक्त राष्ट्र को जवाब दे भारत - पाकिस्तान से उर्दू प्रेस रिव्यू
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते पाकिस्तानी विदेश मंत्री का अमरीकी दौरा, भारत प्रशासित कश्मीर और भारत-पाकिस्तान संबंधों से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में रहीं.
सबसे पहले बात भारत प्रशासित कश्मीर की. अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार चीन ने कहा है कि भारत कश्मीर समस्या पर संयुक्त राष्ट्र को जवाब दे.
अख़बार के अनुसार चीन के आग्रह पर भारत प्रशासित कश्मीर के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दोबारा बैठक हुई. पाकिस्तान ने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि समस्या-ए-कश्मीर दुनिया के सबसे बड़े फ़ोरम के एजेंडे पर आ गया है.
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफ़िंग के दौरान कहा कि कश्मीर की समस्या पर चीन की राय बिल्कुल स्पष्ट और स्थिर है. अख़बार के अनुसार चीनी प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर की समस्या इतिहास का एक छोटा सा ऐसा विवाद है जिसे शांतिपूर्ण तरीक़े से संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत हल किया जाना चाहिए.
इस मौक़े पर एक भारतीय पत्रकार ने चीनी प्रवक्ता से सवाल पूछा कि किसी दूसरे देश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कार्रवाई पर बात नहीं की.
इस पर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का कहना था, ''चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है. उन्होंने जो कुछ कहा वो इस बैठक की प्रस्तावना है. अगर आपको ऐसा नहीं लगता तो फिर कोई और ज़रिया तलाश करें. हम भारत का रवैया और विचार जानते हैं. जो मैंने कहा है वो चीन का पक्ष है. भारत को इस बारे में जानकारी है.''
अख़बार आगे लिखता है कि चीनी प्रवक्ता का कहना था कि ''संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य होने के नाते क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बरक़रार रखने में चीन अपना रचनात्मक सहयोग देता रहेगा, लेकिन भारत इस सारे मामले का कोई और मतलब ले तो और बात है.''
कश्मीर पर पांच महीने में दो बैठक
अख़बार जंग के अनुसार प्रधानमंत्री इमरान ख़ान का कहना है कि पाँच महीने में कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की दो बैठक हुई जो इस बात की स्वीकृति है कि कश्मीर घाटी में अभी और तनाव का ख़तरा है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि अमरीका और पाकिस्तान का शांतिपूर्ण दक्षिण एशिया का सपना उस समय तक पूरा नहीं हो सकता जब तक कश्मीर की समस्या को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों और 80 लाख कश्मीरियों की इच्छा के अनुसार हल नहीं किया जाता.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार एक अमरीकी न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा कि भारत अगर एक क़दम आगे बढ़ेगा तो पाकिस्तान दो क़दम आगे बढ़ेगा.
इंटरव्यू के दौरान एंकर ने जब महमूद कुरैशी से पूछा कि क्या पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान भारत में होने वाले शंघाई कोऑपरेशन काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेंगे, तो क़ुरैशी का जवाब था, ''हमारी सरकार और प्रधानमंत्री का नज़रिया बिल्कुल साफ़ है कि मोदी सरकार अगर एक क़दम आगे बढ़ाएगी तो हम दो क़दम आगे बढ़ाएंगे.''
अब बात मध्य-पूर्व की
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी का कहना है कि मध्य-पूर्व में तनाव पूरे क्षेत्र के लिए ख़तरा है.
अमरीकी दौरे पर गए पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने एक अमरीकी न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू दिया. अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि ''ईरान और अमरीका के बीच तनाव क्षेत्र के लिए बहुत ख़तरनाक है जिसके संगीन नतीजे होंगे. हसन रूहानी और जव्वाद ज़रीफ़ भी तनाव में इज़ाफ़ा नहीं चाहते हैं.''
अमरीका से पहले शाह महमूद क़ुरैशी सऊदी अरब और ईरान का दौरा कर चुके हैं. अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाक़ात के दौरान क़ुरैशी ने सऊदी अरब और ईरान दौरे में क्या बातचीत हुई, इसकी भी जानकारी पोम्पियो के साथ साझा की.
शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि अमरीका अफ़ग़ानिस्तान से ज़िम्मेदारी के साथ सैनिकों को वापस बुलाए और 80 के दशक की ग़लती को दोबारा न दोहराए.
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