दिल्ली हिंसा: खजूरी ख़ास में आईबी से जुड़े अंकित का शव मिला- LIVE


अंकित के परिवार की तस्वीरइमेज कॉपीरइटANI
उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी ख़ास इलाक़े में गली नंबर 6 के पास नाले के पास एक शव मिला है. शव की पहचान अंकित शर्मा के नाम से की गई है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ अंकित के पिता ने बताया है कि उनके बेटा आईबी के साथ काम करते थे.
शव मिलते ही लोगों का अंकित के घर आने का सिलसिला शुरू हो गया. अंकित की मां का रो-रो के बुरा हाल है.
अंकित के पिता रविंदर शर्मा ने एएनआई को बताया, "अंकित शर्मा काम से लौटे थे. बाहर हंगामा मचा तो वो देखने वहीं चला गया. 10-15 मुसलमान आए और खींच कर ले गए."
ये पूछे जाने पर कि परिवार को इसके बारे में कब पता चला, उन्होंने बताया कि रात दो बजे परिवार को इस पूरी घटना के बारे में जानकारी मिली.
उसके बाद परिवार ने पुलिस में जाकर अंकित के गुमशुदगी की एफ़आईआर दर्ज कराई.
आज सुबह कॉलोनी के लड़कों ने परिवार को बताया कि दो लाश चांद बाग़ के मस्जिद के पास मिली है. ऊपर से नाले में फेंकी गई थी.
पिता के मुताबिक़ उस रात इलाक़े में गोलीबारी भी हुई थी.
अंकित शर्मा की उम्र महज़ 26 साल थी. उन्होंने बीए की पढ़ाई की थी.
परिवार ने बताया कि लाश जीटीबी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दी गई है.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर शांति की अपील की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली हिंसा के तीन दिन बाद चुप्पी तोड़ते हुए आज दोपहर को दो ट्वीट किए. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि दिल्ली हिंसा की स्तिथि का जायज़ा लेने के लिए पर उन्होंने आज एक बैठक की. उन्होंने बताया कि पुलिस और दूसरी एजेंसियां ग्राउंड पर शांति बनाए रखने में जुटी हैं.
पीएम मोदी ने ट्वीट पर शांति की अपील की. मोदी ने लिखा, ''दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हालात का विस्तार से जायज़ा लिया. पुलिस और एजेंसियां जल्द से जल्द हालात पर काबू पाने के लिए काम कर रही हैं. शांति और सौहार्द हमारी मूल भावना है. मैं दिल्ली के भाइयों और बहनों से हर समय शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील करता हूं. ये बेहद ज़रूरी है कि जल्द से जल्द हालात सामान्य हों और शांति स्थापित हो.''
सोनिया गांधी ने मांगा गृहमंत्री का इस्तीफ़ा
उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन दिन से जारी हिंसा के बाद कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफ़ा मांगा.
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस कार्यसमिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार, ख़ासतौर से गृहमंत्री ज़िम्मेदार हैं. गृहमंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए. दिल्ली के मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार भी शांति और सद्भाव बनाए रखने में पूरी तरह से विफल और ज़िम्मेदार हैं. दोनों सरकरों की ज़िम्मेदारी निभाने में विफलता के कारण दिल्ली इस त्रासदी की शिकार बनी."
कांग्रेस दफ्तर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से पाँच सवाल भी पूछे.
सवाल 1- पिछले रविवार से गृहमंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे?
सवाल 2- पिछले रविवार से दिल्ली सीएम कहां थे, क्या कर रहे थे?
सवाल 3- दिल्ली चुनाव के बाद इंटेलिजेंस एजेंसी द्वारा क्या जानकारी दी गईं और उन पर क्या कार्रवाई हुई.
सवाल 4- रविवार की रात से कितनी पुलिस फोर्स दंगे वाले इलाक़े में लगाई गई, जबकि ये साफ़ था कि दंगे और ज्यादा फैलने वाले हैं?
सवाल 5- जब दिल्ली में हालात बेक़ाबू हो गए थे, तो पुलिस का कंट्रोल नहीं बचता था, तो सेंट्रल और पैरामिलिट्री फोर्स क्यों नहीं बुलाई गई?
सोनिया गांधी के बयान पर बीजेपी ने भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि कांग्रेस दिल्ली हिंसा पर राजनीति कर रही है. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस के हाथ 1984 में सिखों के क़त्लेआम के ख़ून से रंगे हुए हैं. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि कांग्रेस किस मुंह से सवाल कर रही है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर का बयान

दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने बुधवार दोपहर कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में पुलिस देर से पहुंची ज़रूर थी लेकिन स्थिति पर क़ाबू पाने के लिए पुलिस ने तुरंत कदम उठाए हैं.
उन्होंने कहा कि अब कई जगहों पर शांति कायम हो गई है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सीलमपुर इलाक़े में एक महीने के लिए धारा 144 लागू करने की घोषणा की थी.
समाचार एजेंसी एएनआई पर मौजूद एक वीडियो में पुलिस को घोषणा करते हुए सुना जा सकता है. वीडियो में सुना जा सकता है, "अभी तुमको प्यार से बताया जा रहा है, फिर सख्ती से बताया जाएगा. यहां दुकानें बंद कर दो."

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली में जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन फिलहाल इस पर कोर्ट तुरंत कोई आदेश नहीं देगी.
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ़ की बेंच ने इस दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली में जारी हिंसा के मामले में कहा कि पुलिस को तुरंत हरकत में आते हुए हालात पर काबू पाने की कोशिश करनी चाहिए थी.
कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली में हुई हिंसा में एक हेड कॉन्सटेबल की मौत हो गई है.
इस पर कोर्ट ने कहा कि, "ये बेहद गंभीर मामला है, अब तक 13 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. हर व्यक्ति का जीवन महत्वपूर्ण है और ये ज़रूरी है कि सिस्टम पूरी तरह से काम करे."
कोर्ट ने कहा है कि शाहीन बाग़ मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी और कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हिंसा से जुड़ी याचिका की सुनवाई फिलहाल वो नहीं करेगी क्योंकि ऐसी एक याचिका की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट कर रही है.

मरने वालों का आंकड़ा 20 तक पहुंचा

उत्तर पूर्वी दिल्ली में जारी हिंसा के कारण मरने वालों की संख्या 20 हो चुकी है.
गुरु तेग बहादुर अस्पताल के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार गौतम ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि हिंसा के कारण अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 189 लोग घायल हैं.
उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाले कुछ मरीज़ों को सिर पर चोटें आई हैं, कुछ को गोलियां लगी हैं, कुछ को चाकू से मारा गया है, कईयों को भागने की कोशिश में गिर जाने के कारण भी चोटें आई हैं.
उन्होंने कहा कि इनमें से कइयों की स्थिति गंभीर है. हालांकि उन्होंने मरने वालों की मौत के कारणों के बारे में बताने से इनकार करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम के बाद ही इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ कहा जा सकता है.
दिल्ली हिंसाइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
तीन दिन से दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाक़ों में जारी हिंसा के बीच देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने हिंसाग्रस्त इलाक़ों का दौरा किया और स्थानीय समुदाय के नेताओं से चर्चा की है . समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अजित डोवाल अपने दौरे की जानकारी प्रधानमंत्री और कैबिनेट को जनकारी देंगे.
एएनआई के मुताबिक एनएसए ने स्पष्ट किया है कि "राष्ट्रीय राजधानी में क़ानून के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. स्थिति पर क़ाबू पाने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. स्थिति पर क़ाबू पाने के लिए पुलिस को कहा गया है."
मंगलवार को क्या हुआ?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल और मैक्स अस्पतालों में जाकर हिंसा पीड़ितों से मुलाक़ात की.
इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि "हिंसा का ये पागलपन जल्द ख़त्म होना चाहिए."
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी मंगलवार को दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर, दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार के आला अधिकारियों और राजनीतिक पार्टियों ने नेताओं से बात की और दिल्ली में हालात का जायज़ा लिया.
उन्होंने कहा कि "सभी राजनीतिक पार्टियां दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर जनता के बीच भय और अफवाहों के माहौल को दूर करें."
साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस से कहा "वो स्थानीय शांति समितियों के साथ मिलकर जनता से एक संवाद प्रक्रिया शुरू करें और उन में विश्वास का माहौल कायम करें."
इधर अब से दो घंटे पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह ने विनायक दामोदर सावरकर की पुण्यतिथि पर दो ट्वीट किए.
उन्होंने लिखा, "वीर सावरकर जी के क्रांतिकारी विचारों से घबरा कर अंग्रेजों ने न सिर्फ उन्हें कालापानी की सजा दी बल्कि दो आजीवन कारावास की सजा पाने वाले वो एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी बने."
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