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यूपी: मुसलमानों को घर बेचने के बाद सामूहिक पलायन की धमकी का क्या है मामला - प्रेस रिव्यू

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  पुलिस ने यह भी बयान जारी किया है कि किसी भी शख़्स को कहीं भी रहने की स्वतंत्रता है. कोई किसी को अपनी संपत्ति बेचने से नहीं रोक सकता है. यह भी सामने आया है कि कुछ स्थानीय निवासी उन दो संपत्तियों को ख़रीदने में रुचि रखते थे और अब उन्हें पता चला कि वे बेची जा चुकी हैं." इमेज स्रोत, GETTY IMAGES इमेज कैप्शन, प्रतीकात्मक तस्वीर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के एक मध्यम वर्गीय इलाक़े में मुसलमानों को घर बेचने के बाद वहां रहने वाले लोगों ने सामूहिक पलायन की धमकी के पोस्टर अपने घरों के बाहर लगा दिए हैं. अंग्रेज़ी अख़बार  'द इंडियन एक्सप्रेस'  के अनुसार, मुरादाबाद के लाजपत नगर इलाक़े की शिव मंदिर कॉलोनी में दो संपत्तियां मुसलमानों को बेची गईं जिसके बाद लगभग हर घर के दरवाज़े के बाहर सामूहिक पलायन के पोस्टर लगे हुए हैं. यह भी पढ़ें :  यूपी के शामली में प्रधान के उत्पीड़न से पलायन का क्या है मामला हालांकि, ज़िला प्रशासन का कहना है कि इस पूरे विवाद के केंद्र में संपत्ति का मामला है. विज्ञापन कई घरों के आगे लगे पोस्टरों पर लिखा है, "सामूहिक पलायन, यह मकान बिकाऊ है, संपर

यूपी : बांदा में कथित पुलिस उत्पीड़न से आहत महिला के आत्महत्या करने का क्या है मामला

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  समीरात्मज मिश्र बीबीसी हिंदी के लिए इमेज स्रोत, SAMIRATMAJ MISHRA/BBC इमेज कैप्शन, सुधा रैकवार अपने बेटे के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने गई थीं उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में कथित तौर पर पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर एक महिला ने आत्महत्या कर ली है. आत्महत्या करने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी भी दी थी. परिजन का आरोप है कि सुधा रैकवार अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली गई थीं. वहां पुलिस वालों ने उन्हें दिनभर बैठाए रखा और रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की. इस बात से आहत होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली. लेकिन पुलिस ने इन आरोपों से साफ़ इनकार किया है. वीडियो कैप्शन, उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा, महिला से अभद्रता क्या है मामला सुधा रैकवार की मित्र नीलम गुप्ता ने बीबीसी को बताया, " वो शनिवार को सुबह कोतवाली गईं थीं. उनका बेटा दो दिन से लापता था. जाने के बाद उन लोगों ने एप्लीकेशन भी नहीं लिया और पाँच बजे शाम तक बैठाए रहे. उनके भाई को लॉकअप में डाल दिया. पुलिस वालों ने और वहां मौजूद कुछ दूसरे लोगों ने उनके साथ अभद्रता की. शाम को लौटकर

पीड़ित मुस्लिम के परिवार ने यूपी पुलिस के ‘सांप्रदायिक एंगल’ न होने के दावे को चुनौती दी

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  02:39 PM Jun 18, 2021 | इस्मत आरा उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के लोनी इलाके में अब्दुल समद सैफ़ी नाम के एक मुस्लिम बुज़ुर्ग पर हमला करने और उन्हें ‘जय श्री राम’ कहने पर मजबूर करने का मामला सामने आया था. पीड़ित बेटे का कहना है कि पिता ने लिखित शिकायत में उनके साथ हुए दुर्व्यवहार का वर्णन किया है, लेकिन पुलिस ने जो एफ़आईआर लिखी है, उसमें उनके मुख्य विवरण को शामिल नहीं किया गया है. बुलंदशहर में बबलू सैफी. (फोटो: इस्मत आरा/द वायर) बुलंदशहर:  एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति द्वारा अपने ऊपर धार्मिक कारण से हमले का आरोप लगाने वाला एक वीडियो ट्विटर पर वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने द वायर, ट्विटर, तीन पत्रकारों और तीन कांग्रेस नेताओं पर सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने की साजिश के बारे में ट्वीट करने का आरोप लगाते हुए एक  एफआईआर  दर्ज किया है. 15 जून की रात 11:20 बजे पर दायर एफआईआर में पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (दंगे के लिए उकसाना), 153ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से काम करना), 505 (शरारत), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य मं