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यूपी: दलित नाबालिग लड़की जिसका दो बार किया गया रेप फिर समाज ने नाम दिया ‘बिन ब्याही मां’

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  नीतू सिंह हरदोई से, बीबीसी हिंदी के लिए 7 अगस्त 2021 इमेज स्रोत, NEETU SINGH/BBC सोलह साल की नेहा (बदला हुआ नाम) का दो बार कथित तौर पर रेप और गैंगरेप हुआ, परिवार गर्भपात कराना चाहता था लेकिन क़ानूनन इजाज़त नहीं मिली. पिछले कई महीनों से उनका घर ही उनके लिए क़ैदख़ाने जैसा बन गया है, कुछ दिनों पहले उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया है. जब भी किसी के घर में पहला बच्चा पैदा होता है, घर में जश्न का माहौल रहता है लेकिन नेहा के घर में मातम पसरा है. लोग बधाई नहीं, बल्कि दबे मुंह से ताना मारते हैं. उन्हें एक नया नाम भी मिल गया है, बिन ब्याही मां. नेहा, यूपी के हरदोई ज़िले में कछौना थाना के अंतर्गत आने वाले एक गांव की रहने वाली हैं. यूपी में रेप और बढ़ते अपराध से कटघरे में योगी के रामराज्य का दावा हाथरस 'गैंगरेप': योगी ने कहा, दोषियों को मिले कड़ी से कड़ी से सज़ा नेहा के अनुसार, नवंबर 2020 की एक दोपहर को वो घर में अकेली थीं, तभी पड़ोस के गांव (टिकारी) का एक लड़का (मुख्य अभियुक्त) उन्हें ज़बरदस्ती खींच कर ले गया और ग़लत काम (बलात्कार) किया. ये बात उन्होंने अपनी माँ को भी बताई थी. नेहा का एक

यूपी: मुसलमानों को घर बेचने के बाद सामूहिक पलायन की धमकी का क्या है मामला - प्रेस रिव्यू

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  पुलिस ने यह भी बयान जारी किया है कि किसी भी शख़्स को कहीं भी रहने की स्वतंत्रता है. कोई किसी को अपनी संपत्ति बेचने से नहीं रोक सकता है. यह भी सामने आया है कि कुछ स्थानीय निवासी उन दो संपत्तियों को ख़रीदने में रुचि रखते थे और अब उन्हें पता चला कि वे बेची जा चुकी हैं." इमेज स्रोत, GETTY IMAGES इमेज कैप्शन, प्रतीकात्मक तस्वीर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के एक मध्यम वर्गीय इलाक़े में मुसलमानों को घर बेचने के बाद वहां रहने वाले लोगों ने सामूहिक पलायन की धमकी के पोस्टर अपने घरों के बाहर लगा दिए हैं. अंग्रेज़ी अख़बार  'द इंडियन एक्सप्रेस'  के अनुसार, मुरादाबाद के लाजपत नगर इलाक़े की शिव मंदिर कॉलोनी में दो संपत्तियां मुसलमानों को बेची गईं जिसके बाद लगभग हर घर के दरवाज़े के बाहर सामूहिक पलायन के पोस्टर लगे हुए हैं. यह भी पढ़ें :  यूपी के शामली में प्रधान के उत्पीड़न से पलायन का क्या है मामला हालांकि, ज़िला प्रशासन का कहना है कि इस पूरे विवाद के केंद्र में संपत्ति का मामला है. विज्ञापन कई घरों के आगे लगे पोस्टरों पर लिखा है, "सामूहिक पलायन, यह मकान बिकाऊ है, संपर