Modi समझ नहीं पाए किसानों को तो अब किसान ही समझा ने लगे मोदी को ।
नरेंद्र मोदी भारत के नाराज़ किसानों का मूड कैसे नहीं पढ़ पाए? सौतिक बिस्वास बीबीसी संवाददाता 13 जनवरी 2021 इमेज स्रोत, REUTERS इमेज कैप्शन, किसान चाहते हैं कि तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लिया जाए किसान आंदोलन के 49 दिन बाद और आठ चरण की वार्ता के बावजूद केंद्र सरकार किसानों को मनाने में नाकाम रही है. दिल्ली की सीमाओं को घेर कर बैठे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान तीनों क़ानूनों की वापसी से कम पर मानने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि 'वो प्रदर्शन स्थलों को तभी छोड़ेंगे, जब सरकार तीनों क़ानून वापस ले लेगी.' मोदी सरकार किसानों के उत्पादों की बिक्री, क़ीमत और भण्डारण को लेकर नये क़ानून लायी है. विज्ञापन सरकार का दावा है कि इन क़ानूनों से किसानों की स्थिति सुधरेगी. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें किसान आंदोलन: सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को नये साल से क्या उम्मीदें हैं? किसान आंदोलन: क्या सरकार और किसानों के बीच सुलह का कोई ‘फ़ॉर्मूला’ है? किसान आंदोलन से जुड़ी आठ बातें जिन्हें जानना ज़रूरी है किसानों के विरोध प्रदर्शन पर क्या कह रहे हैं देश के