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[गाल छूते वक्त कांपे थे मेरे हाथ, वो बोली, सही से करो ना']

गाल छूते वक्त कांपे थे मेरे हाथ, वो बोली, सही से करो ना' UP UK Live 27 Oct. 2016 09:44 गाल छूते वक्त कांपे थे मेरे हाथ, वो बोली, सही से करो ना' करण जौहर की फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' एक तरफ जहां पाकिस्तानी ऐक्टर फवाद खान के फिल्म में होने से विवादों में रही वहीं दूसरी ओर रनबीर कपूर और ऐश्वर्या राय बच्चन के बीच काफी हॉट और इंटिमेट सीन की वजह से भी खूब चर्चाओं में रही। हाल ही में ऐश्वर्या के साथ अपने इंटिमेट सीन के बारे में बात करते हुए रनबीर ने कहा,' शर्म आती थी..मेरे हाथ कांपते थे। कभी-कभी उनके (ऐश्वर्या) गाल टच करने में झिझकता था। फिर उन्होंने ही बोला कि क्या परेशानी है ? हम सिर्फ ऐक्टिंग कर रहे हैं इसलिए सही तरीके से करो। फिर मैंने सोचा कि कभी ऐसा मौका मिलेगा नहीं, सो मैंने भी मौके पर चौका मार दिया।' संदर्भ पढ़ें 528 http://headline.uodoo.com/story/3093620500601508?channel_id=102&host=http:%2F%2Fheadline.uodoo.com&list_article_from=UPUKLive&reco_id=17151aa0-8d45-4f7c-868c-7db0eda8b4fd&app=h5_card&uc_param_str=dnvebichfrmintcpwidsudsvpf

*जानिए क़ुरान के हवाले से : तलाक, हलाला और खुला की हकीकत ….*

*जानिए क़ुरान के हवाले से : तलाक, हलाला और खुला की हकीकत ….* _*तलाक की हकीकत*_ यूं तो तलाक़ कोई अच्छी चीज़ नहीं है और सभी लोग इसको ना पसंद करते हैं इस्लाम में भी यह एक बुरी बात समझी जाती है लेकिन इसका मतलब यह हरगिज़ नहीं कि तलाक़ का हक ही इंसानों से छीन लिया जाए, ✳पति पत्नी में अगर किसी तरह भी निबाह नहीं हो पा रहा है तो अपनी ज़िदगी जहन्नम बनाने से बहतर है कि वो अलग हो कर अपनी ज़िन्दगी का सफ़र अपनी मर्ज़ी से पूरा करें जो कि इंसान होने के नाते उनका हक है, इसी लिए दुनियां भर के कानून में तलाक़ की गुंजाइश मौजूद है.और इसी लिए पैगम्बरों के दीन (धर्म) में भी तलाक़ की गुंजाइश हमेशा से रही है,.. ✳दीने इब्राहीम की रिवायात के मुताबिक अरब जाहिलियत के दौर में भी तलाक़ से अनजान नहीं थे, उनका इतिहास बताता है कि तलाक़ का कानून उनके यहाँ भी लगभग वही था जो अब इस्लाम में है लेकिन कुछ बिदअतें उन्होंने इसमें भी दाखिल कर दी थी. किसी जोड़े में तलाक की नौबत आने से पहले हर किसी की यह कोशिश होनी चाहिए कि जो रिश्ते की डोर एक बार बन्ध गई है उसे मुमकिन हद तक टूटने से बचाया जाए, जब किसी पति-पत्नी का झगड़ा बढ़ता दिखाई दे तो

क्या हजरत मुहम्मद (सल्ल.) गैर-मुस्लिम से नफरत करते थे?

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Writer Rajeev Sharma आज की पोस्ट में कुछ कड़वी बातें लिख रहा हूं। अगर आपको सच पसंद न हो तो कृपया इसे न पढ़ें। मेरा मानना है कि अच्छा भाई वही होता है जो हमारी खूबियों के साथ ही कमियां भी बताए। बेशक जो अपनी गलतियों को सुधार लेता है, वही दुनिया को एक सुरक्षित भविष्य देता है। रब ऐसे लोगों को पसंद करता है। ------------- क्या हजरत मुहम्मद (सल्ल.) गैर-मुस्लिम से नफरत करते थे? मैं जानता हूं कि ज्यादातर लोग इसका कोई एक जवाब नहीं देंगे। माफ कीजिए, कई गैर-मुस्लिम तो आज तक इस झूठ पर यकीन करते आ रहे हैं कि रसूल (सल्ल.) गैर-मुस्लिम के कत्ल का हुक्म देकर गए हैं ... क्योंकि उन लोगों ने यही पढ़ा और सुना है। हकीकत वे जानते ही नहीं। और माफ कीजिए, कई मुसलमान भी यह नहीं जानते कि रब के रसूल (सल्ल.) ने गैर-मुस्लिम से कैसा सलूक करने का निर्देश दिया है। उन्होंने रसूल (सल्ल.) का सिर्फ नाम भर सुना है। इससे ज्यादा वे कुछ नहीं जानते। दोनों ही लोग अंधेरे में जी रहे हैं। 9/11 के बाद अमरीका, यूरोप और कई देशों में मुसलमानों को नफरत की निगाह से देखा जा रहा है। एक अजीब-सा माहौल बन रहा है तो कई मुस्लिम देशों में पश्चिम के

मस्सों का इलाज:-````````````````````

हकीम महबूब अख़्तर शम्सी with ‎حکیم جی‎‎. मस्सों का इलाज:- ```````````````````` चेहरे पर हुए मस्से हटाने के लिए काली मिर्च और फिटकरी बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इस पाउडर को थोड़ा सा ले कर जरा सा पानी मिला कर चन्दन जैसा लेप बना लें। इस लेप को सींक से मस्सों पर दिन में 3-4 बार लगाएं। मस्से गिर जाएंगे। बेकिंग सोडा और अरंडी का तेल लगाये| बरगद के पत्तो का रस लगाये | ताजे अंजीर मसलकर लगाये ३०मिनट्स बाद गर्मपानी से धो लेवे | आलू का रस लगाये | लहसुन का रस लगाने से भी मस्से हट जाते है है| शीतपित्ती:- दो नींबू का रस निकाल कर इसमें तीन ग्राम पिसी फिटकरी डाल दें। इसे पित्ती उछलने वाली त्वचा पर लगा कर मसलें और खुजाएं यानी खुजाते हुए मसलें। ऐसा दिन में तीन चार बार करें। दो दिन में ही शीत पित्ती का शमन हो जाएगा | खुजली:- बहुत सरल व सस्ता है। नीम वृक्ष की छाल ले कर पानी के साथ पत्थर पर घिसें और यह लेप खुजली वाले अंग पर लगाएं। 5-10 मिनिट तक सूखने दें। जब बिल्कुल सूख जाए तब कपड़े पहन लें। कैसी भी तेज और पुरानी खुजली होगी, जड़ से गायब हो जाएगी। https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=105

[कैसे हुआ था भारत में कश्मीर का विलय - BBC हिंदी]

कैसे हुआ था भारत में कश्मीर का विलय एंड्रयू वाइटहेड वरिष्ठ पत्रकार और विश्लेषक े दुनिया के सबसे ज़्यादा उलझे हुए विवादों में एक की जड़ में जो विलय संधि है, वह ऐतिहासिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है, पर देखने में निहायत ही मामूली लगती है. साल 1947 में जिस विलय संधि के आधार पर जम्मू कश्मीर की रियासत भारत का हिस्सा बन गई, उसमें महज दो पेज थे और इसे ख़ास तौर पर तैयार भी नहीं किया गया था. उस समय पांच सौ से ज़्यादा रियासतें थीं. भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम के मुताबिक़, रियासतों के शासकों पर निर्भर था कि वे भारत या पाकिस्तान, किसमें अपने राज्य का विलय करते हैं. दिल्ली के गृह मंत्रालय ने एक फ़ॉर्म तैयार किया था. इसमें खाली जगह छोड़ी गई थी, जिनमें रियासतों के नाम, उनके शासकों के नाम और तारीख भरे जाने थे. कई बार यह कहा जाता है कि कश्मीर के महाराजा ने विलय संधि पर दस्तख़त नहीं किया था. यह सच नहीं है. Image copyrightANDREW WHITEHEAD इस पर रहस्य बना हुआ है कि उन्होंने उस काग़ज़ पर अपना नाम कब डाला था, जिसके तहत उनका राज्य भारतीय शासन के अधीन आ गया था. कश्मीर में भारतीय सैनिक की तैनाती के प