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जानें ! क़ुरान में ईसा मसीह के बारे में क्या लिखा है ? || मुसलमानों की नज़र में ईसा मसीह ? ||आख़िर इस्लाम में ईसा की ऐसी तस्वीर कैसे बनी और इस्लामिक संस्कृति में इसका विकास कैसे हुआ?

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  मुसलमानों की नज़र में ईसा मसीह तारीफ़ ख़ालिदी बीबीसी संवाददाता 24 दिसंबर 2020 अपडेटेड 25 दिसंबर 2020 इमेज स्रोत, THOMAS COEX/AFP VIA GETTY IMAGES इस्लाम के आख़िरी पैग़म्बर मोहम्मद (सल-लल-लाहो अलैहि वसल्लम) ने 630 ईस्वी में मक्का पर फ़तह हासिल करके अपने सबसे पुराने ख़्वाबों में से एक को पूरा किया था. इसके बाद उन्होंने मक्का शहर से बुतपरस्ती का नाम-ओ-निशां मिटाने का आदेश जारी किया. मक्का पर मोहम्मद साहब की इस मज़हबी फ़तह में गहरे राजनीतिक संकेत भी छुपे हुए थे. मक्का को नए मज़हब का मरकज़ घोषित कर दिया गया था; इसीलिए, मक्का पर विजय, एक अल्लाह से किए गए एक क़ौल को पूरा करने जैसी थी. काबा यानी वो चौकोर इमारत, जहां पर शहर के तमाम बुत रखे हुए थे, वहां प्रवेश करने के बाद पैग़म्बर मोहम्मद ने सभी मूर्तियों को वहां से हटाने या नष्ट करने का आदेश दिया. काबे में रखे तमाम देवी-देवताओं के बुतों में से एक मूर्ति एक कुंवारी युवती और उनके बच्चे की भी थी. इस ईसाई मूर्ति की ओर बढ़ते हुए मोहम्मद ने उसे अपने चोगे से ढंक दिया और उसके अलावा बाक़ी सभी बुतों को वहां से निकाल बाहर करने का आदेश दिया. ये हक़ीक़त ह