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दिशा रवि की गिरफ़्तारी से दिल्ली पुलिस और न्याय प्रक्रिया पर उठते सवाल
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सरोज सिंह बीबीसी संवाददाता, दिल्ली इमेज स्रोत, DISHA RAVI टूल किट मामले में गिरफ़्तार दिशा रवि पर भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत राजद्रोह, समाज में समुदायों के बीच नफ़रत फैलाने और आपराधिक षड्यंत्र के मामले दर्ज किए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ़्तार किया और दिल्ली की एक अदालत में पेश करते हुए कहा है कि "दिशा रवि टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट की एडिटर हैं और इस डॉक्यूमेंट को बनाने और इसे प्रसारित करने में उनकी मुख्य भूमिका है." साथ ही पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि "इस सिलसिले में उन्होंने खालिस्तान समर्थक 'पोएटिक जस्टिस फ़ांउडेशन' के साथ मिलकर भारतीय राज्य के प्रति वैमनस्य फैलाने का काम किया और उन्होंने ही ग्रेटा थनबर्ग के साथ यह टूलकिट शेयर किया था." दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर प्रेमनाथ ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि निकिता, शांतनु और दिशा ने टूलकिट डॉक्यूमेंट बनाया, जिसका मक़सद भारत की छवि ख़राब करना था. विज्ञापन दिशा रवि को बेंगलु्रु से गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली पुलिस ने टूल किट मामले में निकिता
दिशा रवि कौन हैं, जिनकी गिरफ़्तारी से डरे हुए हैं पर्यावरण कार्यकर्ता
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इमरान क़ुरैशी बेंगलुरु (कर्नाटक) से, बीबीसी हिन्दी डॉट कॉम के लिए इमेज स्रोत, DISHA RAVI बेंगलुरु की 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ़्तारी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले युवाओं के बीच डर का माहौल पैदा कर दिया है. दिशा रवि 'फ़्राइडे फ़ॉर फ़्यूचर' नामक मुहिम की संस्थापक हैं. उन्हें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार की शाम बेंगलुरु से गिरफ़्तार किया. ग्रेटा थनबर्ग के किसानों के समर्थन में ट्वीट करने के बाद दर्ज हुए मामले में यह पहली गिरफ़्तारी है. टूलकिट क्या होती है जिसे दिल्ली पुलिस ने बताया 'विदेशी साज़िश' टूलकिट मामला: दिशा रवि को पुलिस कस्टडी में भेजने को लेकर उठ रहे हैं सवाल विज्ञापन बेंगलुरु की एक जानी-मानी कार्यकर्ता तारा कृष्णास्वामी ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "हमने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई अभियानों के सिलसिले में एक-दूसरे से बात की है. लेकिन मैं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानती हूँ. हाँ, लेकिन मैंने ये हमेशा नोटिस किया कि वे कभी भी क़ानून का उल्लंघन नहीं करती हैं. एक बार भी नहीं.'' छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें