दिल्ली के नतीजे- बिरयानी की कहानी और गोली मारने के नारे BJP के कितना काम आए?
नितिन श्रीवास्तव बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES "शाहीन बाग़ के लोग घर में घुसकर आपकी बहू बेटियों के साथ बलात्कार करेंगे." "आतंकवादियों को बिरयानी खिलाने के बजाय बुलेट (बंदूक़ की गोली) खिलानी चाहिए." "देश के ग़द्दारों को "गोली मारो सा*** को." "अरविंद केजरीवाल आतंकवादी है." ये मामूली वाक्य नहीं हैं बल्कि दिल्ली चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की पुरज़ोर कोशिश की कुछ मिसालें हैं. वैसे तो देश श्मशान-क़ब्रिस्तान जैसे चुनाव प्रचार यूपी में देख चुका है लेकिन दिल्ली के चुनाव को ध्रुवीकरण की कोशिश के लिए यादगार चुनावों में गिना जाएगा. null और ये भी पढ़ें दिल्ली चुनाव: बीजेपी सत्ता से कितनी दूर, कितने पास? पाकिस्तान नहीं जाने वालों ने भारत पर कोई उपकार नहीं किया: योगी दिलीप घोष: बंगाल में एक करोड़, देश में दो करोड़ घुसपैठिए शाहीन बाग़ क्या दिल्ली के चुनाव का नतीजा तय करेगा null. भ