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देश को किस की नज़र लग गई ? हिन्दू मुस्लिम एकता और भाईचारे के दुश्मन देखिये कौसे-कैसे पढ़े लिखे लोग बन हैं , लेकिन इसके लिए जिम्मेवार कौन है ? सोंचता हूँ स्वछ दिमाग में गंदी नाली का कीटाणु किन की वजह से पैदा हो रहा ? पढ़िये एक वायरल खबर ।।

दो दिन पहले तमिलनाडु राज्य के कोयम्बटूर शहर में, दो मंदिरों के सामने एक शख्स मीट रखकर गायब हो गया। घटनास्थल मंदिर था, सामने मांस था। पूर्वाग्रहों के अनुसार शक मुस्लिमों पर ही जाना था। वर्तमान भारत के बहुसंख्यक समाज में नरेटिव ही ऐसा है। खबर सूंघते ही तमिलनाडु बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी श्रीनिवासन ने तुरंत इसपर राजनीति करना शुरू कर दिया। हाल तो ऐसे मसलों में अपराधी पकड़े नहीं जाते, दूसरी बात कि मंदिर-मांस की केमिस्ट्री ही ऐसी ही है कि बिना साबित करे ही अपराधी मुसलमान साबित किया जा सकता है। गनीमत रही कि कोयम्बटूर शहर में जगह-जगह CCTV हैं, दूसरी बात कि वहां सरकार भाजपा की नहीं है, हालांकि भाजपा वहां भी सरकार बनाने की लगातार कोशिश ही कर रही है, ऐसे नरेटिव भी भाजपा को खड़ा करने के लिए तैयार किए जाते हैं। ये भाजपा का देशव्यापी सक्सेजफुल पैटर्न है। पूरे शहर में मुस्लिम विरोधी माहौल बनने लगा। जबकि किसी को नहीं पता था कि अपराधी किस मजहब का है और मंदिर के आगे किस मन्तव्य से मांस रखा गया है। शहर भर के सीसीटीवीज खंगाले जाने पर एक संदिग्ध बाइक का पता चला। जो मंदिर के आगे पार्क की गई। अन्य सीसीटीवीज खं

#Puchh rahi hai Dunia #Bharat mein yah sab kis ki Marzi se ho raha hai ? Mamla Samne Aane k baad Modi Hukumat ne Wardaat mein Shamil Terrorist Type Logon k khilaaf Ab tak kya Actions liye ? Agar Hukumat khamosh rahti hai to Dunia apni Taraf se ees ghtna ka kya Matlab Nikale ?

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जामियाः हमलावर नाबालिग, तो क्या होगी सज़ा?

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फ़ैक्ट चेक टीम बीबीसी, नई दिल्ली इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट REUTERS दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों की ओर पिस्तौल तानने और गोली चलाने वाला युवक नाबालिग है या नहीं इसे लेकर बहस छिड़ी हुई है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने गुरुवार को एक मार्कशीट ट्विटर पर शेयर की जिसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. इस मार्कशीट को ये कहकर शेयर किया गया कि ये जामिया में प्रदर्शनकारियों पर पिस्तौल तानने वाले की है. सोशल मीडिया पर इस मार्कशीट को कई लोग नकली बता रहे हैं और इसमें दी गई जानकारी पर सवाल उठा रहे हैं. लोग ये सवाल भी उठा रहे हैं कि जामिया में पिस्तौल तानने और गोली चलाने के कुछ ही घंटों में मार्कशीट शेयर करने के पीछे मकसद इस शख्स को नाबालिग साबित कर उसकी सज़ा कम करवाना तो नहीं है. मार्कशीट में स्कूल के कोड और पिस्तौल तानने वाले के नाबालिग होने जैसी जानकारियों को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. null और

तय 'वेतन' पर चरमपंथियों के लिए काम करते थे देविंदर सिंह: प्रेस रिव्यू

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31 जनवरी 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट PTI भारत प्रशासित कश्मीर में चरमपंथियों की सहायता करने के आरोप में बर्खास्त चल रहे पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह को चरमपंथी संगठन से 'तय वेतन' मिलता था. इंडियन एक्सप्रेस  की ख़बर के मुताबिक़, एक पड़ताल करने वाले के हवाले से अख़बार लिखता है कि वह ना सिर्फ़ नावेद को परिवहन और आश्रय देने के लिए बल्कि पूरे साल सहायता देने के लिए भी पैसे ले रहे थे. इंडियन एक्सप्रेस ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि जिस समय उन्हें गिरफ़्तार किया गया वो नावेद को लेकर जम्मू जा रहे थे. जहां उसे ठंड भर रहना था. उसके बाद वे (नावेद और आसिफ़) पाकिस्तान जाने वाले थे. अधिकारी के हवाले से अख़बार लिखता है कि उस रास्ते की जांच की जा रही है जिस रास्ते से वे पाकिस्तान जाने वाले थे. देविंदर इस काम के लिए 20 से 30 लाख रुपये की मांग कर रहे थे और अभी उन्हें पूरी रक़म नहीं मिली थी. इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES मेरे पद्मश्री से मेरे पिता का