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चीन ने दिया जवाब, कहा भारत हमसे उलझना फ़ौरन बंद करे

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  इमेज स्रोत, AFP चीन ने भारत से आग्रह किया है कि वो तत्काल अपनी ग़लत हरकतों को सुधारे और जल्द से जल्द चीनी सेना से उलझना बंद करे. चीने के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने साथ ही कहा कि हाल ही में भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुए संघर्ष के लिए भारत ज़िम्मेदार है. चीन की सत्ताधारी पार्टी के अख़बार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार विदेश मंत्रालय की दैनिक ब्रीफ़िंग में प्रवक्ता ने कहा, "पहले भारत ने द्विपक्षीय सहमतियों का उल्लंघन किया, उन्होंने अवैध तरीक़े से सीमा पार कर उकसाया, सीमा क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफ़ा कार्रवाई करते हुए बदला, और चीनी सैनिकों को धमकाने के लिए गोलियाँ चलाईं". चीन के इस बयान से एक दिन पहले भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में भारत-चीन तनाव पर बयान देते हुए चीन पर सीमा के उल्लंघन का आरोप लगाया था. विज्ञापन चीनी विदेश मंत्रालय के बयाने से पहले ग्लोबल टाइम्स ने भी राजनाथ सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया दी थी. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें चीन पर राजनाथ के बयान के बाद कांग्रेस का आरोप, प्रधानमंत्री ने देश को किया गुमराह

देखिये सच सब से आगे ।

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भारत - चीन तनाव , पेंच अब भी बरकरार ।

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भारत-चीन सीमा विवाद: पीएम मोदी के ‘जिनपिंग प्रेम’ से अब तक क्या हुआ हासिल?

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सलमान रावी बीबीसी संवाददाता 17 जून 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट ANI पिछले साल अक्टूबर के महीने में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब भारत के दौरे पर आये तो अंगवस्त्र पहने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के महाबलीपुरम में उनका स्वागत दक्षिण भारतीय परंपराओं के तहत किया था. इस दौरान केरल के मशहूर हाथियों का प्रदर्शन भी हुआ था. दोनों देशों के बीच सामरिक और व्यापार के मुद्दों को लेकर भी चर्चा हुई. इस यात्रा के फ़ौरन बाद चीन की सरकारी न्यूज़ एजेंसी शिन्हुआ ने शी जिनपिंग का बयान जारी किया जिसमें चीन के राष्ट्रपति ने कहा था, "ड्रैगन और हाथी को आपस में मिलकर ही नृत्य करना चाहिए. यही दोनों देशों के लिए सही विकल्प है." विज्ञापन उन्होंने आपसी मतभेदों को भी 'सही तरीक़े' से निपटाने की वकालत की थी. लेकिन वो मतभेद क्या हैं और किन मुद्दों पर हैं उसकी चर्चा न तो भारत ने की ना ही चीन ने. 6 साल में 18 मुलाक़ातें चीन ने यह भी साफ़ नहीं कि