अफ़ग़ानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच क्या चीन 'मध्यस्थ' की भूमिका निभा सकता है?
सरोज सिंह बीबीसी संवाददाता 27 जुलाई 2021 इमेज स्रोत, GETTY IMAGES चीन और पाकिस्तान ने अफ़ग़ानिस्तान को 'आतंकवाद का गढ़' नहीं बनने देने के लिए वहाँ के आतंकवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ 'संयुक्त कार्रवाई' करने का फ़ैसला किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी सोमवार को चीन के दौरे पर थे, जहाँ उन्होंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाक़ात की. उस मुलाक़ात के बाद चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ़ से संवाददाता सम्मेलन में ये ऐलान किया गया. हाल ही में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा था कि वे चीन को अफ़ग़ानिस्तान के एक दोस्त के रूप में देखते हैं. विज्ञापन उन्हें उम्मीद है कि चीन से जितनी जल्दी हो सके, पुनर्निर्माण कार्य में निवेश करने पर बातचीत होगी. तालिबान यह भी कह चुका है कि वो अब शिनजियांग से चीन के वीगर अलगाववादी लड़ाकों को अफ़ग़ानिस्तान में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देगा छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें तालिबान, रूस और चीन को भरोसे में ले रहा है पर भारत की उपेक्षा क्यों? अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का बढ़ता दबदबा, रिश्तों को लेकर भारत का राजनय