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असम : रिटायर्ड सैनिक सनाउल्लाह के खिलाफ़ जांच करने वाले अधिकारी के खिलाफ़ मामला दर्ज

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इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट SANAULLAH FAMILY Image caption भारतीय सेना से रिटायर्ड सूबेदार मोहम्मद सनाउल्लाह करीब एक हफ़्ते से असम के एक डिटेंशन सेंटर में हैं. भारतीय सेना को 30 साल सेवा देने वाले रिटायर्ड सूबेदार मोहम्मद सनाउल्लाह करीब एक हफ़्ते से असम के एक डिटेंशन सेंटर में हैं. उन्हें 23 मई फॉरेनर्स ट्राइब्यूनल (एफ़टी) अदालत ने विदेशी नागरिक घोषित कर दिया था. अब सनाउल्लाह मामले के जांच अधिकारी चंद्रमल दास के खिलाफ़ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. जिन कथित गवाहों के आधार पर वो रिपोर्ट तैयार की गई, उनका कहना है कि उन्होंने कभी गवाही दी ही नहीं. साल 2017 में सेना से रिटायर होने के बाद 52 वर्ष के सनाउल्लाह असम पुलिस की बॉर्डर विंग में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर काम कर रहे थे. जोधपुर, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, सिकंदराबाद, गुवहाटी, पंजाब, मणिपुर जैसी जगहों पर अपनी सेवाएं देने वाले और 2017 में रिटायर हुए मोहम्मद सनाउल्लाह का नाम पिछली साल जारी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआर

पूर्व सैनिक सनाउल्लाह के समर्थन में उतरी सेना, विदेशी बताने का विरोध किया!

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Posted by   on Jun 01, 2019, 1:59 PM IST Assam / West Bengal   Khaas Khabar 0 NRC के तहत मोहम्मद सनाउल्लाह को बांग्लादेशी बताने के खिलाफ भारतीय सेना ने अदालती मोर्चा खोल दिया है। भारतीय सेना की तरफ से विदेशी प्राधिकारण (एफ टी) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की घोषणा कर दी गयी है। भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को बांग्लादेशी बताकर निरोधक केंद्र में बंदी बनाने की सूचना पर नारेंगी सैनिक छावनी के प्रमुख मेजर जनरल ने आज मोहम्मद सनाउल्लाह की पत्नी सनीमा बेगम से बात की। The Hindu ✔ @the_hindu Army says it has a “big heart” for Mohammed Sanaullah, a retired junior commissioned officer sent to a detention camp after being declared a foreigner, but can’t do much to help him at this point of time. # NRC # Assam https:// trib.al/fsa2FGL   2,006 8:50 AM - Jun 1, 2019 Twitter Ads info and privacy Kargil war veteran declared foreigner: Can’t interfere, says Army The Army has sai

ग्राउंड रिपोर्ट: असम में डिटेंशन कैंप के भीतर क्या क्या होता है

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नितिन श्रीवास्तव, बीबीसी संवाददाता, असम से 23 अगस्त 2018 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   साझा कीजिए Image caption सुचिंद्रा गोस्वामी, चन्द्रधर दास, अजित दास कल्पना कीजिए कि एक 35 फ़ुट x 25 फ़ुट के कमरे में करीब 35 आदमी सो रहे हों. सुबह पांच बजे लगभग सभी को एक दहाड़ती हुई आवाज़ के साथ जगा दिया जाए. छह बजे तक इन सभी को कमरे में मौजूद एकमात्र टॉयलेट से फ़ारिग होकर चाय और बिस्कुट ले लेने होंगे. साढ़े छह बजे इन सभी लोगों को बाहर एक बड़े से आँगन में छोड़ दिया जाएगा, पूरा दिन काटने के लिए. अगर सुबह की चाय-बिस्कुट मिस कर गए तो फिर कुछ घंटे बाद ही चावल मिलेगा, जिसके साथ दाल कितनी पकी मिलेगी ये सिर्फ़ क़यास की बात है. null आपको ये भी रोचक लगेगा CAA पर क्या अपनी सरकार का सही बचाव कर पाए मोदी? असम डिटेंशन कैंप: मोदी का दावा कितना सही पिता का शव लेने से इनकार क्यों कर रहा परिवार देशद्रोह के मुक़दमे लड़ रहे जाट परिवारों का हाल null. चार बजे तक रात का डिनर भी ले लेना अनिवार्य