अयोध्या विवाद में पुनर्विचार याचिका से कुछ बदलेगा?
सर्वप्रिया सांगवान बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES अयोध्या ज़मीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने नौ नवंबर को सर्वसम्मति से फ़ैसला दिया था. फ़ैसले में विवादित ज़मीन हिंदू पक्ष को दी गई, सरकार से मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के लिए कहा गया और मुसलमान पक्ष को अयोध्या में किसी और जगह 5 एकड़ ज़मीन देने का आदेश दिया गया. इस फ़ैसले के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालने का फ़ैसला किया है. बोर्ड के सचिव ज़फ़रयाब जिलानी के मुताबिक़ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले में कई बिंदुओं पर विरोधाभास लगता है और उनके अनुसार कई बिंदुओं पर ये फ़ैसला समझ से परे है. हालांकि मुख्य पक्षकार इक़बाल अंसारी फ़िलहाल बोर्ड के इस फ़ैसले से दूरी बनाए हुए हैं. इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES Image caption ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रेस कांफ्रेस में बोर्ड सचिव ज़फ़रयाब जिलानी बोलते हुए तो