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भारत, चीन और पाकिस्तान के पास कितने परमाणु हथियार हैं?

  17 जून 2021 परमाणु बम, जिसका नाम सुनते ही दिमाग में ज़ोरदार धमाके की तस्वीर उभर जाती है. साथ ही चारों तरफ बर्बादी के मंज़र के अलावा कुछ और दिखाई नहीं देता. हमने जापान के हिरोशिमा और नागासकी की वो बदहाल तस्वीरें देखी हैं जो परमाणु बम के धमाकों से छलनी हो गए थे. परमाणु बम की चिंता अब भारत को सता रहा है. लेकिन ऐसा है क्यों? जबकि भारत खुद परमाणु हथियार से लैस मुल्क है. समझिए इस वीडियो के ज़रिए. स्टोरीः सिंधुवासिनी प्रस्तुतिः विदित मेहरा वीडियो एडिटः देवाशीष कुमार ( बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप  यहां क्लिक  कर सकते हैं. आप हमें  फ़ेसबुक ,  ट्विटर ,  इंस्टाग्राम  और  यूट्यूब  पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Bharat और China फिर भीड़ गए ? || क्या दोनों देश बड़ी जंग की तैयारी में हैं ?

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  भारत और चीन के सैनिकों के बीच सिक्किम के नाकुला में मामूली झड़प, सेना ने की पुष्टि इमेज स्रोत, GETTY IMAGES इमेज कैप्शन, प्रतीकात्मक तस्वीर भारतीय सेना ने सिक्किम में भारत-चीन सीमा के नज़दीक नाकुला में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प होने की पुष्टि की है. सेना ने इस पूरे मामले पर बयान जारी कर कहा है कि "उत्तर सिक्किम के नाकुला इलाक़े में 20 जनवरी को भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच मामूली झड़प हुई और ये मामला स्थानीय कमांडरों ने नियमों के मुताबिक़ सुलझा भी लिया है." सेना ने मीडिया से कहा है कि वो इस संबंध में तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश करने से बचें. इससे पहले समाचार एजेंसी  एएफ़पी  ने भारतीय मीडिया में छपी रिपोर्टों के हवाले से कहा है कि झड़प में दोनों पक्षों के ही सैनिक घायल हुए हैं. कथित तौर पर ये घटना तीन दिन पहले की है जब उत्तरी सिक्किम की नाकुला सीमा पर कुछ चीनी सैनिक सीमा पार कर भारत की तरफ़ आ गए थे जिसके कारण ये विवाद पैदा हुआ. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें चीन और भारत में LAC पर तनाव को लेकर नहीं हो पा रही बात, आगे क्या? - प्रेस रिव्यू

पाकिस्तान और चीन दोस्त कैसे बने? आज किस मुकाम पर खड़े हैं दोनों देश?

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  विज्ञापन सक़लैन इमाम बीबीसी उर्दू सेवा 23 दिसंबर 2020 इमेज स्रोत, GETTY IMAGES 1950 के दशक में कोई सोच नहीं सकता था कि पाकिस्तान और चीन कभी बेहतरीन दोस्त होंगे और दोस्ती भी इतनी गहरी कि कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करने के बाद भी यह बरकरार रहेगी. यह तो बिल्कुल भी नहीं सोचा गया था कि चीन के लिए पाकिस्तान 'इसराइल जैसा' बन जाएगा. पाकिस्तान मुस्लिम मुल्कों में पहला और दुनिया का ऐसा केवल तीसरा देश था, जिसने सोशलिस्ट क्रांति के बाद चीनी गणतंत्र को मान्यता दी थी. पाकिस्तान ने इस मान्यता की घोषणा 4 जनवरी 1950 को कर दी थी. अगले ही साल 21 मई 1951 को पाकिस्तान के चीन के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए और मेजर जनरल आग़ा मोहम्मद रज़ा को पाकिस्तान ने बीजिंग में अपना राजदूत तैनात कर दिया. पाकिस्तान और चीन के संबंधों पर एक ब्रिटिश पत्रकार एंडर यू स्माल ने अपनी किताब 'द चाइना पाकिस्तान ऐक्स -एशियाज़ न्यू जियो पालिटिक्स' में लिखते हैं कि "चीन के सर्वोच्च नेता माओत्से तुंग ने पाकिस्तानी राजदूत के पदभार ग्रहण के डॉक्युमेंट्स को स्वीकार करते समय कोई विशेष गर्मजोशी नहीं दिखाई."