क्या महाराष्ट्र में संविधान को ताक पर रखकर बनी सरकार?
नवीन नेगी बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट CMO ''राजनीति और क्रिकेट में कभी भी कुछ भी हो सकता है.'' यह बयान बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर दिया था. उनके ये शब्द तब सच साबित हो गए जब महाराष्ट्र सहित देश की अधिकांश जनता शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनने की ख़बरें सुनते हुए सोने के लिए गई लेकिन सुबह उठी तो बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके थे और उनके साथ एनसीपी के प्रमुख नेता अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. कुछ पल के लिए आम जनता ही क्या राजनीतिक जगत की हर ख़बर सूंघने का दम भरने वाले बड़े पत्रकार और कई नेता अचंभे में थे. धीरे-धीरे ख़बरें खुलने लगीं और मालूम चला कि रात ही रात में बीजेपी ने अजित पवार के समर्थन से सरकार बनाने की पेशकश की. इसके बाद राज्यपाल ने प्रदेश में जारी राष्ट्रपति शासन को हटाने की प्रक्रिया प्रारंभ की