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गणतंत्र दिवस पर क्या ख़ौफ़ में रहते हैं मदरसों के छात्र? मोहम्मद शाहिद बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें What इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   इस पोस्ट को शेयर करें Twitter   साझा कीजिए स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर सोशल मीडिया में कुछ ऐसी तस्वीरें वायरल होने लगती हैं जिनमें कुर्ता-पायजामा पहने, सिर पर टोपी लगाए और हाथ में तिरंगा झंडा लिए युवा या बच्चा दिखाई देता है. आम तौर पर ये छवि एक मदरसे के छात्र की समझी जाती है. भारत में मदरसों को केवल इस्लामी शिक्षा की एक संस्था के रूप में देखा जाता है. हालांकि, कई मदरसों में हिंदी, अंग्रेज़ी, गणित और विज्ञान भी पढ़ाया जाता है. भारत में विभिन्न फ़िरकों (पंथ) के मदरसे हैं. इनमें सबसे बड़ा मदरसा उत्तर प्रदेश का दारुल उलूम देवबंद है. ADVERTISEMENT हाल में दारुल उलूम देवबंद ने अपने हॉस्टल के छात्रों से कहा था कि वे गणतंत्र दिवस की दो दिन की छुट्टियों में यात्रा करने से बचें. 'देश के सभी मदरसे बंद हों, नहीं तो मुसलमान चरमपंथी बन जाए

स्टूडिओ और एडिटर के कमरे में क्या होता है कब से कब हमलोगों को तो पता ही है,

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Santosh Singh added 3 new photos. कल देर शाम दिल्ली से हमारे एक पत्रकार मित्र का फोन आया आपके मेल पर एक खबर भेजे हैं देख लिजिएगा,,, खबर से लौटेने के बाद मैंने मेल खोला 9 मिनट का भिजुउल था खुलने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन मेल का मजबून मैं खोलते ही समझ गया वीडियो दिल्ली सरकार में मंत्री रहे संदीप कुमार का था,,,,,, वीडियो देखने के बाद मुझे लगा कि केजरीवाल जल्दबाजी में फैसला ले लिये ,,,,,,, जहां तक मुझे लग रहा है कि वीडियो चार पांच वर्ष पहले का है जब संदीप छात्र रहे होगे।। वीडियों में कही से भी जबरदस्ती या फिर बहला फुसला कर शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करने कि बात नही दिख रही थी मुझे नही लगता है कि सहमति से शारीरिक सम्बन्ध बनाना कानून कि तो छोड़िए नैतिकता के कसौटी पर भी खड़ा नही उतरता है वो भी उस देश में जहां शारीरिक सम्बन्ध बनाने से जुड़ी एक से एक तस्वीरें मंदिरों में बनी हुई है।। कामसूत्रा जैसी पुस्तके इसी देश में लिखी गयी है फिर पता नही सवाल किस आधार पर उठाया जा रहा है।।। वैसे मैं आपको बता दूं दिल्ली में मुद्रिका,आईआईटी,मुखर्जीनगर,मांडल टाउन,इंदिरा विहार,हटसन लाइन,ख्वाजा सराह जैसे दो दर्जन